हाल ही में गुजरात के शहर धोलावीरा को UNESCO की विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में शामिल किया गया है. इससे पहले तेलंगाना के वारंगल में पालमपेट स्थित रामप्पा मंदिर को भी इसी महीने World Heritage List में शामिल किया गया है.
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हड़प्पा सभ्यता के पुरास्थलों में से एक धोलावीरा गुजरात के कच्छ के मध्य स्थित द्वीप ‘खडीर’ में स्थित है. ये दो तरफ़ से भचाऊ तालिका में मासर और मानहर नदियों के संगम से घिरा है. ये सिंधु सभ्यता का एक प्राचीन, विशाल और सबसे सुंदर नगर माना जाता है और यहां जल संग्रहण के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं. धोलावीरा को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने खोजा था. पद्मश्री पुरस्कार विजेता आरएस बिष्ट की देखरेख में इसकी खोज हुई थी. स्थानीय लोग इसे ‘कोटा दा टिंबा’ कहते हैं. इसे लगभग पांच हज़ार साल पहले विश्व के सबसे व्यस्त महानगर में गिना जाता था, तब यहां क़रीब 50 हज़ार लोग रहते थे. धोलावीरा में सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष और खण्डहर मिलते हैं और ये उस सभ्यता के सबसे बड़े ज्ञात नगरों में से एक था.
इस बात की जानकारी देते हुए यूनेस्को ने ट्वीट किया,
हड़प्पाकालीन भारत के इस शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया. बधाई हो!
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर ख़ुशी ज़ाहिर की,
मैं बहुत ख़ुश हूं, ‘मैं अपनी स्टूडेंट लाइफ़ में पहली बार धोलावीरा गया था और उस स्थल को देख कर मंत्रमुग्ध रह गया था. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मुझे धोलावीरा में धरोहर स्थल संरक्षण और पुन:स्थापन कार्य से जुड़े पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला था. हमारी टीम ने वहां पर्यटन हितैषी बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए भी काम किया था.
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धोलावीरा की ख़ूबसूरती को देखना चाहते हो, तो ये रहीं कुछ चुनिंदा तस्वीरें:
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आपको बता दें, गुजरात में अब तक तीन विश्व धरोहर स्थल थे, जिनमें पावागढ़ के पास चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं.