Indian Currency Coin: दुनिया के हर देश की अपनी एक करेंसी होती है. इसी के माध्यम वहां के नागरिक लेनदेन करते हैं. ये नोट और सिक्कों में होती है. भारत में भी नोट और सिक्कों में ही लेनदेन होता है. हालांकि, पिछले कुछ सालों से ‘डिजिटल पेमेंट्स’ ने इसे काफ़ी हद तक कम कर दिया है. लेकिन आज भी एक तबका ऐसा है जो कैश में ही लेनदेन करना पसंद करता है. देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट के अलावा 1, 2, 5, 10, 20 रुपये के सिक्के प्रचलन में हैं. भारतीय करेंसी (Indian Currency) के इन सिक्कों पर ईयर के नीचे डॉट, स्टार और डायमंड के निशान बने होते हैं.
ये भी पढ़िए: कभी सोचा है 2 और 10 रुपये के सिक्के पर बनी चार लाइनों का क्या मतलब होता है, नहीं तो अब जान लो
आज हम बात देश में प्रचलित विभिन्न प्रकार के सिक्कों की करने जा रहे हैं. हम दिन भर में कई बार सिक्कों में लेनदेन करते रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी 1, 2, 5, 10, 20 रुपये के सिक्कों पर अंकित ख़ास तरह के चिह्नों पर गौर किया है? आख़िर ये क्यों बने होते हैं और किस काम आते हैं?
अगर आपके पास अभी कोई सिक्का है तो उसे गौर से देखें. क्योंकि हर सिक्के पर उसके बनने का ईयर लिखा होता है. इसके ठीक नीचे ‘डॉट’, ‘स्टार’ या फिर ‘डायमंड’ जैसे निशान भी बने होते हैं. लेकिन क्या आप इनका मतलब जानते हैं? चलिए आज हम आपको इसके पीछे की ख़ास वजह भी बता देते हैं-
ये भी पढ़िए: ‘1 फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी तुझे’, जानिए क्या होता है कौड़ी, फूटी कौड़ी, दमड़ी, धेला और पाई का मतलब
दरअसल, किसी भी सिक्के पर ‘ईयर ऑफ़ प्रॉडक्शन‘ के ठीक नीचे दिखाई देने वाले ये अलग-अलग चिह्न इस बात का संकेत होते हैं कि सिक्के देश के किस शहर की टकसाल (Mint) में बने हैं. टकसाल (Mint) का मतलब वो जगह जहां सिक्के बनाये जाते हैं.
भारत के 4 शहरों में बनते हैं सिक्के
भारत के 4 शहरों में सिक्के बनाए जाते हैं. इनके लिए ‘टकसाल’ बनी हुई हैं. इन शहरों में कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई और नोएडा शामिल हैं. ‘कोलकाता मिंट’ देश का सबसे पुराना ‘टकसाल’ है. इसकी स्थापना सन 1757 में हुई थी. ‘मुंबई मिंट’ की स्थापना सन 1829 में हुई थी. ‘हैदराबाद मिंट’ की स्थापना सन 1903 में हुई थी. जबकि ‘नोएडा मिंट’ की स्थापना साल 1984 में हुई थी.
कैसे होती है सिक्कों की पहचान?
बता दें कि ‘मुंबई मिंट’ के सिक्कों पर ‘डायमंड’ का चिह्न बना होता है. इसके अलावा सिक्कों पर B या M भी अंकित होता है. ‘हैदराबाद मिंट’ में बने सिक्कों पर ‘स्टार’ चिह्न अंकित होता है. वहीं ‘नोएडा मिंट’ के सिक्कों पर ‘डॉट’ का निशान बना होता है. जबकि ‘कोलकाता मिंट’ में बने सिक्कों पर कोई भी चिह्न अंकित नहीं होता है.
ये भी पढ़िए: जानिये आख़िर मार्किट से क्यों ग़ायब हो गया 5 रुपये का ये मोटा सिक्का, वजह हैरान कर देने वाली है