Mumbai Doctor Who Provide Free Meal To Old People: स्कूपव्हूप की हमेशा कोशिश रहती है कि पाठक तक दिलचस्प, ज्ञानवर्धक व रोमांचक स्टोरिज़ के साथ-साथ सच्ची प्रेरणादायक कहानियां भी पहुंचे, ताकि उन ख़ास लोगों के बारे में लोगों को पता लग सके, जो सच में समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
आइये, विस्तार से जानते हैं डॉ. मोदी (Mumbai Doctor Who Provide Free Meal To Old People) की पूरी कहानी.
बेसहारा बुजुर्गों का सहारा हैं डॉ. उदय मोदी
Mumbai Doctor Who Provide Free Meal To Old People: डॉ. उदय मोदी वैसे तो गुजरात के अमरेली के रहने वाले हैं, लेकिन वो मुंबई में रहते हैं. वहीं, उनका अपना क्लीनिक है. डॉक्टरी दुनिया से अलग डॉ. उदय मोदी एक समाज सेवक हैं. वो मुंबई के Mira Road-Bhayander क्षेत्र में बेसहारा बुर्जर्गों तक मुफ़्त में टिफ़िन सर्विस के ज़रिये खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
कैसे हुई Shravan Tiffin Service की शुरुआत?
Mumbai Doctor Who Provide Free Meal To Old People: हर किसी काम के पीछे कुछ न कुछ वजह तो ज़रूर होती है. कुछ ऐसा ही Shravan Tiffin Service की शुरुआत के साथ भी है. आपके मन में ये सवाल ज़रूर आ सकता है कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि डॉ. उदय ने बुजुर्गों का पेट भरने का काम शुरू कर दिया? इसके पीछे कई साल पुरानी एक घटना है, जिसका ज़िक्र ख़ुद डॉ. उदय ने किया था.
अपनी दर्द भरी कहानियां सुनाते हैं बुजुर्ग
Mumbai Doctor Who Provide Free Meal To Old People: डॉ. उदय मोदी न सिर्फ़ बेसहारा बुजुर्गों तक खाना पहुंचाते हैं, बल्कि उनकी बातें सुनते हैं और उनका ध्यान रखते हैं. डॉ. मोदी कहते हैं कि उन्हें कई बुजुर्ग बताते हैं कि कभी हमारा भी बड़ा घर हुआ करता था. बच्चों को पढ़ाया-लिखाया, काबिल बनाया और फिर उनकी शादी कर दी. धीरे-धीरे बच्चे अलग-अलग रहने लग गए और बीच-बीच में आकर हमें देख जाया करते थे, लेकिन बाद में वो भी बंद हो गया. सबसे बड़ी समस्या खाने की रहती है और वो खाना भी नहीं देते हैं.
कोई बेटा अपने मां-बाप को आधी रोटी भी न दे, ये बात मुझे आज तक समझ में नहीं आई.
-डॉ. उदय मोदी
दीवारों पर नोटिस और पैम्फ़लेट्स बांटे गए
जिस काम को करने की ज़िम्मेदारी डॉ. उदय ने उठाई वो काफ़ी बड़ी थी. इसमें उनकी पत्नी ने भी मदद की. उनकी पत्नी ने कहा कि इस शहर में और भी बेसहारा बुजुर्ग होंगे, उन तक पहुंचने के लिए हमें अखबार और नोटिस का सहारा लेना होगा. फिर क्या था अखबारों में पैम्फ़लेट्स दिए गए और दीवारों पर नोटिस लगाया गया कि कोई भी व्यक्ति किसी बेसहारा बुजुर्ग को जानता हो, तो हमसे संपर्क करे. धीरे-धीरे संख्या बढ़ने लगी और आज बेसहारा बुजुर्गों की एक बड़ी संख्या का ध्यान डॉ. उदय रख रहे हैं.
प्रत्येक टिफ़िन सेवा का महीने का ख़र्च
महीने में प्रत्येक टिफ़िन सेवा के लिए लगभग 1500 रुपए का ख़र्च आता है. डॉ. उदय की एक पूरी टीम है, जिसमें 2 खाना बनाने वाले व्यक्ति और क़रीब 20 लोग खाना पहुंचाने का निशुल्क काम करते हैं. वो भी बुजुर्गों की सेवा कर ख़ुद को भाग्यशाली समझते हैं. जानकारी के अनुसार, डॉ. उदय हर महीने क़रीब 3 लाख रुपये इस सेवा के लिए ख़र्च करते हैं. वहीं, इस काम में उनकी पत्नी और उनके बच्चे भी साथ देते हैं.