कोरोना वायरस ने दुनियाभर में आर्थिक तंगी के चलते सबकी कमर तोड़ दी है, लेकिन लोगों में इंसानियत अभी भी ज़िंदा है. इस कठिन वक़्त में कई लोग ऐसे देखने को मिले जो ज़रूरतमंदों के लिए मसीहा बने. इनमें से एक हैं, प्रवीण गोयल, जो दिल्ली के नांगलोई इलाक़े में शिव मंदिर के पास श्याम रसोई चलाते हैं और सिर्फ़ 1 रुपये में वो ज़रूरतमंद और भूखों को खाना खिलाकर उनका पेट भरते हैं और ये 1 रुपये वो इसलिए लेते हैं ताकि लोग खाने की क़ीमत समझें और खाना बर्बाद न करें.

Hindustan Times के अनुसार, पिछले दो महीनों से श्याम रसोई चला रहे 51 वर्षीय प्रवीण ने ANI को बताया, 

मेरी रसोई में रोज़ क़रीब 2,000 दिल्लीवासी खाना खाते हैं और तीन ई-रिक्शा के ज़रिए इंद्रलोक, साईं मंदिर जैसे आस-पास के इलाक़ों में पार्सल की सुविधा उपलब्ध है. लोग आर्थिक रूप से मदद करने के साथ-साथ अलग-अलग तरीक़े से दान करते हैं. पहले खाने की क़ीमत 10 रुपए थी, लेकिन हमने ज़्यादा लोगों को आकर्षित करने के लिए इसे घटाकर 1 रुपये कर दिया. श्याम रसोई में सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच में खाना मिलता है. थाली में चावल, रोटी, सोया पुलाव, पनीर, सोयाबीन और हलवा खाने को मिलता है साथ ही हर दिन मेन्यू बदलता है.

प्रवीण की रसोई में 6 लोग हैं जो उनकी मदद करते हैं और वो उनको बिक्री के आधार पर 300-400 रुपये देते हैं. इसके अलावा कॉलेज स्टूडेंट भी उनकी मदद करते हैं.

प्रवीण को ये जगह एक व्यापारी रणजीत सिंह ने दी है. इन्होंने बताया, 

जब से एनजीटी ने कारखाना बंद किया है, ये जगह खाली पड़ी हुई थी. जब प्रवीण मेरे पास आया तो, मैंने उसे ये जगह दे दी.

श्याम रसोई से खाना खाने वाले नरेंद्रलाल शर्मा ने कहा, 

मैं यहां सिर्फ़ एक रुपये में खाना खाता हूं. स्वाद वास्तव में अच्छा है. बच्चे भी यहां भोजन करते हैं और सब कुछ ठीक है.

प्रवीण ने आगे कहा,

हमें लोगों से आए दिन दान मिलता रहता है, जिससे हम लोगों को भरपेट खाना खिलाने में समर्थ होते हैं. मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वो ऐसे ही राशन दान करके इस सेवा को जारी रखने में हमारी मदद करते रहें.

लोगों ने भी प्रवीण के इस नेक काम की saraahana की.

जब तक प्रवीण जैसे नेक लोग इस दुनिया में हैं तब तक कोई भी भूखा नहीं सो सकता है.