हमारी ये दुनिया अनोखी और अजीबो-ग़रीब चीज़ों से भरे पड़ी है. कोई जगह अजीब है तो कहीं जगहों के नाम अजीब हैं. कहीं मान्यताएं अजीब हैं तो कहीं का रहन-सहन अजीब है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे, लेकिन वहां होने वाले काम को जानकर हैरान रह जाएंगे. ये गांव नेपाल में स्थित है. इसका वास्तविक नाम होकसे है, लेकिन इसे किडनी वैली और किडनी वाले गांव के नाम से जाना जाता है.
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दरअसल, इसके नाम के पीछे की कहानी में यहां के लोगों की ग़रीबी और भूख छुपी है. होकसे गांव में ग़रीबी इतनी ज़्यादा है कि लोग जीवन यापन करने के लिए अपनी एक किडनी बेच देते हैं. यहां के ज़्यादातर लोग एक किडनी पर जीवन जीते हैं. इस कारण इन्हें कोई न कोई गंभीर बीमारी लगी रहती है.
भूख कितनी बड़ी हो सकती है वो यहां के लोगों के इस काम से पता चलता है. ये लोग मात्र 2 हज़ार रुपये में अपनी किडनी बेच देते हैं. अगर लोगों की मानें तो, इस गांव में मानव अंगों की तस्करी बहुत होती है. यहां पर अंगों की तस्करी करने वाले लोग मासूम लोगों को झांसा देकर ऐसा करते हैं.
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लोगों की मानें तो, तस्करी करने वाले उन्हें कहते हैं कि वो अपनी किडनी दे देंगे तो इसके बाद इसी जगह पर दूसरी किडनी विकसित हो जाएगी. इसके लिए लोगों को 2 लाख (नेपाली रुपये) भी देते हैं. पेट की भूख और ग़रीबी के चलते यहां के मासूम लोग तस्करों की बातों में आ जाते हैं और अपनी किडनी दे देते हैं.
इस बात का खुलासा करते हुए 37 साल की स्थानीय निवासी ने कहा,
परिवार के लिए घर बनाने की चाह में मैंने दो लाख (नेपली रुपए) में अपनी किडनी बेची थी. इससे मैंने एक छोटी सी ज़मीन ली और उस ज़मीन पर घर बनवाया. मगर अप्रैल में भूकंप आने के बाद मेरा ये सपना तहस-नहस हो गया आज बस घर की जगह पर खंडहर रह गया है, फ़िलहाल मैं अपने परिवार के साथ एक अस्थाई टेंट में रहती हूं.
-गीता
एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में भूकंप आने के बाद से नेपाली लोग अपने अंग बेचने को मजबूर हो गए हैं. किडनी बेचने का ये गंदा खेल नेपाल के कई इलाकों में चल रहा है.