जानिए किस ख़ास वजह से रेलवे ट्रैक के बगल में लगाए जाते हैं एल्युमिनियम बॉक्स

Nripendra

जैसा कि आपको पता होगा कि ट्रेन में एक बार में हज़ारों लोग सफ़र करते हैं, इसलिए सुरक्षा के इंतज़ाम में कोई कोताही नहीं बरती जाती है. ट्रेन के चक्के हों या फिर ट्रेन की पटरियां, ट्रेन से जुड़ी सभी चीज़ों को बहुत ही ख़ास तरीक़े से बनाया जाता है. वहीं, सुरक्षा के लिहाज़ से कई इक्विपमेंट्स भी ट्रेन के अंदर व ट्रेन के बाहर लगाए जाते हैं. वैसे आपने ट्रेन की पटरियों के किनारे लगाए गए एल्युमिनियम बॉक्स(Aluminum box beside railway track) तो ज़रूर देखे होंगे. क्या आपको पता है वो क्या हैं और किस लिए लगाए जाते हैं? बहुत लोग इन बॉक्स को इलेक्ट्रिक बॉक्स समझ लेते हैं, लेकिन दोस्तों ये बॉक्स किसी खास मकस़द से लगाए जाते हैं, जिसे हम नीचे लेख में बताएंगे.  

आइये, अब सीधे जानते हैं कि ट्रेन के पटरियों के बगल में क्यों लगाए जाते हैं एल्युमिनियम बॉक्स (Aluminum box beside railway track). 

पटरियों के किनारे लगे एल्युमिनियम बॉक्स 

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ट्रेन के सफर के दौरान आपने पटरियों के किनारे लगे एल्युमिनियम बॉक्स (Aluminum box beside railway track) ज़रूर देखे होंगे. बहुत लोग इसे इलेक्ट्रिक बॉक्स मान लेते हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रिक बॉक्स नहीं बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से लगाया गया एक उपकरण है. ये एल्युमिनियम बॉक्स हर तीन से पांच किलोमिटर पर लगाए जाते हैं. दरअसल, ये Axle Counter Box होते हैं, जो ट्रेन के एक्सल गिनने का काम करते हैं. 

अब आप सोच रहे होंगे कि ये एक्सल क्या होते हैं? जैसा कि आपको पता होगा कि हर कोच की चार बोगियां होती हैं और हर बोगी में चार चक्के लगे होते हैं. चक्के जिससे जुड़े होते हैं उसे ही एक्सल कहा जाता है.   

क्यों गिने जाते हैं एक्सल? 

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अब आप सोच रहे होंगे कि ये एक्सल क्यों गिने जाते हैं और यात्रियों की सुरक्षा से इसका क्या संबंध है? जैसा कि हमने बताया कि हर तीन से पांच किलोमिटर पर Axle Counter Box लगाए जाते हैं. इन बॉक्स के अंदर एक स्टोरेज़ डिवाइस लगी होती है, जो सीधे ट्रेन की पटरियों से कनेक्ट होती है. जब भी ट्रेन गुज़रती है, तो पटरियों के किनारे लगे बॉक्स ट्रेन के एक्सल को गिन लेते हैं, जिससे ये पता लग सके कि जितने एक्सल के साथ ट्रेन स्टेशन से निकली थी अभी भी उसमें उतने ही एक्सल है या नहीं. 

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रोक देता है ट्रेन  

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हर तीन से पांच किलोमिटर पर लगा Axle Counter Box ट्रेन के एक्सल को गिनकर आगे वाले एक्सल को बता देता है. अगर एक्सल की संख्या पहले वाले से मैच नहीं खाती है, तो ये बॉक्स ट्रेन के सिग्नल को लाल कर देता है, जिससे ट्रेन रुक जाती है. इस तरह ये एक हादसे के जोखिम को कम कर देता है. 

जांच पड़ताल में मदद करता है 

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अगर कोई हादसा हो जाता है या ट्रेन के कुछ कोच अलग हो जाते हैं, तो Axle Counter Box की मदद से ये रेल अधिकारियों को ये पता लग जाता है कि ट्रेन के कोच किस जगह से अलग हुए हैं. इससे जांच-पड़ताल में मदद मिलती है.

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ट्रेन की स्पीड को करता है रिकॉर्ड  

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इसके अलावा ये Axle Counter Box ट्रेन की स्पीड और ट्रेन की दिशा को भी रिकॉर्ड करने का काम करता है. तो इस तरह ये एल्युमिनियम बॉक्स यात्रियों की जान बचाने में करता है मदद.  

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