मैं बिहारी और वाइफ़ ओडिशा से, और हम 2 States Couple ने ऐसे बनाई हमारे लिए #LoveKiBoundary

Ravi Gupta

Real Story: दिल के तार कब कहां और किससे जुड़ जाएं किसको पता होता है. ये दिल दूरियां नहीं देखता. इसलिए तो लोग अपने छत के पार ही नहीं बल्कि सात समंदर पार भी दिल का कनेक्शन जोड़ लेते हैं. ऐसी ही कहानी हमारी भी है. हम रवि कुमार बिहार से और हमारी गर्लफ़्रेंड सुनंदा भोला जो अब पत्नी हैं वो ओडिशा से. यूनिवर्सिटी के दिनों में प्यार हुआ फिर करीब 5 साल के बाद हमने शादी कर ली.

हमारी लव लाइफ़ का असली सफ़र तो यहीं से शुरू हुआ. जब शादी के बाद बात आई 24X7 साथ रहने की. दिलो-दिमाग में यही बात उठ रही थी, कैसे दो राज्यों के कल्चर यानी खान-पान, पहनावा आदि मैनेज कर पाएंगे.

कहीं कलेश ना हो जाए यार! क्योंकि वो कहां शांतिप्रिय कलिंग की धरती से तो हम सम्राट अशोक के राज्य से. हम कहां दाल-भात, लिट्टी-चोखा खाने वाले, तो वो पखाल व दालमा खाने वाले. हम बोलते हैं जय श्रीराम, तो वो जय जगन्नाथ… मतलब कि अंतर समझिए आप.

हां, हमारे दिल में भले अंतर ना था लेकिन हम दोनों का कल्चर कहीं से मैच नहीं कर रहा था. ऐसे में हम दोनों कैसे रिश्ते को हंसी-खुशी चलाएं. कहीं दो राज्यों की दूरी रिश्तों में दूरी ना बढ़ा दे. ये एक बड़ी चुनौती थी इसलिए हमने कुछ रिलेशनशिप रूल्स/ बाउंड्री बना लिए. यही बात हम आपको अपने कैंपेन #LoveKiBoundary के ज़रिए बताने जा रहे हैं. शायद किसी 2 States Couple के काम आ जाए-

ये भी पढ़ें- LoveKiBoundary: प्यार की भी होती हैं कुछ हदें, ये बात इन 7 तरह की रिलेशनशिप बाउंड्रीज़ से समझें

दोस्तों से बातचीत/ मिलने को लेकर ‘बाउंड्री’

अगर हम दोनों एक ही जगह से होते तो कुछ कॉमन फ्रेंड्स होते. मगर हम दोनों के कॉमन दोस्त नहीं थे. ना वो मेरे दोस्तों को जानती थी और ना ही मैं उसके दोस्तों को. इसलिए पहले तो हमने अपने क्लोज़ फ्रेंड्स से एक-दूसरे को मिलवाया. साथ ही ये भी तय किया कि दोस्तों से मिलने या बातचीत को लेकर एक-दूसरे का हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

खानपान को लेकर ‘बाउंड्री’

हम बिहार के लोग दाल-भात भूजिया, लिट्टी-चोखा या गेहूं के पकवान अधिक खाते हैं. जबकि ओडिशा के लोग अधिकतर भात खाते हैं. वो सादा भोजन खाते हैं, तो हम अधिक मसालेदार. दोनों के भोजन के स्वाद में बहुत अंतर है. जैसे- हमारा लिट्टी-चोखा उसे नहीं भाता, वहीं मुझे उसका दालमा या पखाल समझ नहीं आता.

मगर जिसे जो पसंद है सो है, वो तो वही खाएगा ना. वैसे तो हमारे यहां रोटी, दाल-चावल, सब्जी या मांस-मछली ही बनता है. मगर कभी कभार किसी को अपने राज्य का भोजन भी बनाने का मन किया तो वो भी बनता है. ऐसी परिस्थिति के लिए हमने नियम बनाया है कि हम कभी भी उस फूड को खाने के लिए दबाव नहीं डालेंगे. हां, अगर अपनी मर्जी से खाना चाहे तो खा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Odisha Foods: मंदिर से लेकर होटल तक, ये हैं ओड़िशा के 21 फ़ूड्स जिनको देखकर लार टपक जाएगी

कल्चरल प्रोग्राम को लेकर ‘बाउंड्री’

हम छठ पूजा वाले और वो रथ यात्रा. मतलब कि हमारे कल्चरल प्रोग्राम भी बहुत अलग हैं. इसलिए हमने ये तय किया कि हमारे घर में ओडिशा के कल्चर को सेलिब्रेट करेंगे. इसके लिए कोई मनाही नहीं है. साथ ही वो भी हमारे कल्चरल प्रोग्राम को मनाने से गुरेज नहीं करती है. इस तरह से हम दोनों एक दूसरे का कल्चर को सेलिब्रेट भी करते हैं.

प्रोफ़ेशनल लाइफ़ को लेकर ‘बाउंड्री’

हम दोनों के प्रोफ़ेशन भी अलग हैं. वो साइंस रिसर्च बैकग्राउंड से है और मैं मीडिया के फ़िल्ड से. मगर हम दोनों एक-दूसरे के प्रोफ़ेशन का सम्मान करते हैं. साथ ही एक-दूसरे के प्रोफ़ेशनल लाइफ़ के मामलों में दखल नहीं देते हैं.

ये भी पढ़ें- LoveKiBoundary: प्यार करने के साथ ये भी समझें कि रिलेशनशिप में बाउंड्री का होना कितना ज़रूरी है

बस इसी तरह से हम अपनी लव लाइफ़ को एंज़ॉय कर रहे हैं. आप कहीं से भी हो आख़िरकार रिश्ते का गोल यही होना चाहिए कि उसको किस तरह से हंसी-खुशी जीना है और अगर परेशानी भी आती है तो मिलकर कैसे सॉल्व करना है.

आपको ये भी पसंद आएगा
पहचान कौन? मिस इंडिया बनीं, शादी पर मचा था बवाल, अनिल कपूर के साथ सुपरहिट थी जोड़ी
चीयरलीडर को दिया दिल… 2 बेटियों की मां ने तबाह की लाइफ़, जानिए मोहम्मद शमी की दर्दनाक लव स्टोरी
Karachi To Noida: सीमा हैदर पर बन रही फ़िल्म का फ़र्स्ट लुक पोस्टर आउट, गाना भी हुआ लॉन्च
नीता अंबानी की बड़ी बहू श्लोका मेहता का संगीत का लहंगा था बड़ा ख़ास, लिखी थी दोनों की लव स्टोरी
सीमा हैदर की तरह है इनकी कहानी, पोलैंड से अपने प्यार के लिए झारखंड आई है ये विदेशी महिला
लड़का हिन्दुस्तानी, लड़की पाकिस्तानी और इनकी एक छोटी सी लव स्टोरी, जिसका अंत जुदाई और दर्दभरा था