What Is Health Passport : ये हम सभी जानते हैं कि देश से बाहर यात्रा करने के लिए हर किसी को पासपोर्ट (Passport) की ज़रूरत होती है. या इसे यूं समझ लीजिए कि आपके पास पासपोर्ट होना इस बात का ग्रीन सिग्नल है कि आप विदेश यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, बहुत से छोटे देश भी हैं, जहां आप बिना पासपोर्ट के भी जा सकते हैं. लेकिन बड़े देशों में एंट्री के लिए हमेशा आपको पासपोर्ट की ज़रूरत पड़ेगी. इसी वजह से आजकल ज़्यादातर लोग अपना पासपोर्ट बनवा लेते हैं.
हालांकि, अगर आपसे ये पूछा जाए कि नॉर्मल पासपोर्ट से इतर क्या आपने कभी हेल्थ पासपोर्ट के बारे में सुना है या इसे बनवाया है, तो आपका जवाब क्या होगा? ज़ाहिर तौर पर कुछ लोगों को इसके बारे में पता होगा, लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं, जो इसके बारे में जानते भी नहीं होंगे. आइए आज हम आपको इसके बारे में डिटेल में बता देते हैं.
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क्या है हेल्थ पासपोर्ट?
दरअसल, हेल्थ पासपोर्ट एक तरह का प्रमाण है, जिससे ये मालूम चलता है कि आपको कोई भी बीमारी नहीं है. ख़ासतौर पर इसमें कोरोना वायरस और दिल की बीमारी शामिल है. अगर पासपोर्ट पर लिखा होता है कि आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो यात्रा के दौरान आप पर ख़ास ध्यान दिया जाता है. दरअसल, कोरोना वायरस की तबाही के बाद विदेश आवाजाही के कई नए नियम बन गए हैं, जिनको फॉलो करना बेहद ज़रूरी है.
क्या हैं हेल्थ पासपोर्ट के फ़ायदे?
जिन लोगों का हफ़्ते में कई बार विदेश आना-जाना है, उनके लिए ये पासपोर्ट बेहद काम का है. उदाहरण के तौर पर डॉक्टर, बिज़नेसमैन या फिर क्रिकेटर्स के पास हेल्थ पासपोर्ट होता है और उनका यात्रा के दौरान ख़ास ख्याल रखा जाता है. इसकी मदद से आप बिना किसी ख़तरे या रुकावट के यात्रा कर सकते हैं.
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किस तरह का होता है हेल्थ पासपोर्ट?
हेल्थ पासपोर्ट कागज़ी और डिजिटल दोनों हो सकता है. इसे कई बार पासपोर्ट के साथ ही अपडेट कर दिया जाता है. तो कई बार एयरपोर्ट की ओर से हेल्थ से जुड़ा एक कागज़ दिया जाता है, जिसमें बीमारी का ज़िक्र होता है.
कैसे बनता है हेल्थ पासपोर्ट?
हेल्थ पासपोर्ट बनवाने के लिए सबसे पहले आपको पासपोर्ट हेल्थ सेंटर से एक फॉर्म भरना होगा. फॉर्म भरने की एयरपोर्ट पर भी सुविधा रहती है. यहां आपको फॉर्म मिलता है, जिसमें आप अपनी बीमारी का ब्यौरा दे सकते हैं. इसके बाद आपको इसे एयरपोर्ट अधिकारी से प्रमाणित करवाना होगा.