अपनी कमज़ोरी को ताक़त बना कर 10 वर्षीय इस दिव्यांग बच्ची ने ज़रूरतमंदों के लिये सिले मास्क

Akanksha Tiwari

कोरोना के मामले कम होने के बजाए दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में बाहर निकलते वक़्त मास्क लगाना बेहद ज़रूरी है. हांलाकि, कुछ लोग ऐसे हैं जिनके लिये हर बार मास्क ख़रीदना संभव नहीं है. इसलिये कुछ लोगों ने ज़रूरमंदों के लिये मास्क बना कर बांटने की पहल भी की है. इसी क्रम में कर्नाटक की 10 वर्षीय बच्ची भी आगे आई है. 

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सुंधरी नामक ये बच्ची उडुपी की रहने वाली है. दिव्यांग होने के बावजूद उसने महामारी में मास्क सिलकर लोगों में बांटने का फ़ैसला लिया. सुंधरी Santhekatte Kallianpur के Mount Rosary English Medium School की छठी क्लास की छात्रा है. वो एक स्काउट एंड गाइड है. सुंधरी ने एक लाख मास्क सिलने का टारगेट लिया है. 

गुरुवार को उसने ये मास्क SSLC की परीक्षा देने आये छात्रों को वितरित किये. सिंधुरी का कहना है कि पहले वो एक हाथ से मास्क सिलने में संकोच कर रही थी. पर उसकी मां ने उसे प्रोत्साहित किया और उसने 15 मास्क बना डाले. जिसके बाद चारों ओर उसकी सराहना हो रही है. बचपन से सिंधुरी के बायें हाथ की कोहनी के नीचे का हिस्सा नहीं था. हांलाकि, उसने कभी इस कमी को अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया. 

कभी-कभी कमज़ोरी ताक़त होती है. 

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