दिन-रात कोरोना मरीज़ों की सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिये सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों पर 7 साल की जेल और 2 लाख रुपये जुर्माना लगाया जायेगा.
बुधवार को सूचना और प्रसारण मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्र की तरफ़ से डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिये अध्यादेश जारी किया गया है. इसके तहत मेडिक्स पर हमले के सभी मामले ग़ैर-जमानती होंगे. प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट मीटिंग के बाद इस ख़बर की पुष्टि की. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि संकट की इस घड़ी में डॉक्टर्स के ख़िलाफ़ हमले की कई जानकारियां मिल रही हैं, जिन्हें सरकार बिल्कुल बर्दाशत नहीं करेगी. लिहाज़ा इसके लिये अध्यादेश लाया गया है और हमला करने वालों के लिये कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है.
नये कानून के तहत हमले की जांच 30 दिन के अंदर पूरी की जायेगी. इसमें 2 लाख रुपये तक का ज़ुर्माना सहित कड़ी सज़ा का प्रावधान है. वहीं अगर मामला ज़्यादा गंभीर हुआ, तो 7 साल की कैद और 5 लाख रुपये ज़ुर्माना लिया जायेगा. IMA के साथ हुई मीटिंग के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुरक्षा का आश्वासन दिया था.
वहीं IMA ने बीते सोमवार को ये साफ़ कर दिया था कि अगर सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर कोई कड़ा क़ानून नहीं लाती है, तो वो 23 अप्रैल को ‘ब्लैक डे’ मानयेंगे.
सच में जो डॉक्टर्स मरीज़ों की सेवा में लगे हैं, उन पर हमला होना काफ़ी निंदनीय है.
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