20-31 मार्च तक लॉकडाउन में बढ़े बाल दुर्व्यवहार और घरेलू हिंसा के मामले, और ये काफ़ी दुखद है

Akanksha Tiwari

इस समय लॉकडाउन हमारी ज़रूरत भी है और मजबूरी भी. इसी मजबूरी का फ़ायदा उठाकर कुछ लोग घूरेलू हिंसा और बाल शोषण कर रहे हैं. मगर एक हैरान करने वाला आंकड़ा भी सामने आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के शुरूआती 11 दिनों के दौरान गर्वमेंट हेल्पलाइन पर लगभग 92,000 SOS कॉल प्राप्त की गई हैं. 

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ये कॉल बाल दुर्व्यवहार (Child Abuse)और घरेलू हिंसा (Domestic-Violence) के तहत की गईं. आंकड़ों के अनुसार, 20-31 मार्च तक CHILDLINE 1098 पर 3 लाख से भी अधिक कॉल रिसीव की गईं. इसमें से करीब 30 प्रतिशत कॉल बच्चों पर होने वाली हिंसा और दुर्व्यवहार के बारे में थी. इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि घरेलू हिंसा और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में भी वृद्धि हुई है. 

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ख़बरों की मानें तो बाल अधिकार निकायों ने प्रधानमंत्री को 1098 को ट्रोल फ़्री करने के लिये ख़त लिखा है. 

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घरेलू हिंसा और बाल दुर्व्यवहार के इन आंकड़ों को देखते हुए लगता है कि अगर सरकार द्वारा इन मामलों पर हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो कई लोग इस अत्याचार का शिकार बनते रहेंगे. बेहतर होगा कि सरकार इस बारे में सख़्त कदम उठाये और लोगों की मदद के लिये आगे आये. 

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