मुज़फ़्फ़रपुर के एसकेएमसीएच में कई पत्रकार ‘चमकी’ बुखार पर रिपोर्टिंग करने गए थे. कुछ ने सरकार को बदहाली के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए जायज़ सवाल किए, तो कुछ वहां की बदहाली का ज़िम्मा डॉक्टरों पर मढ़ कर चलते बने.
न्यूज़ चैनल आज तक की अंजना ओम कश्यप भी ICU में घुसकर रिपोर्टिंग कर रही थी. उन्होंने वहां काम कर रहे इकलौते डॉक्टर के काम में न सिर्फ़ बाधा डाली पर सारे हालातों का ज़िम्मेदार उन्हें ही ठहरा दिया.
इसके बाद ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें उनकी भावशून्य पत्रकारिता के लिए झाड़ लगाई. ट्विटर पर #ShameOnYouAnjana ट्रेंड भी करने लगा.
जिस डॉक्टर के साथ अंजना ओम कश्यप ने ‘बद्तमीज़ी’ की थी, उन्होंने अब इस पूरे वाकये पर अपना मत रखा है.
‘जब डॉक्टर ट्रीटमेंट कर रहे होते हैं, बच्चे देख रहे होते हैं, जब मीडिया यहां पर एकाएक बिना बताए घुस जाती है, तो यूं समझिए कि जो ट्रीटमेंट है, मीडिया उसमें Interfere कर रही है. उसी दिन आपने देखा होगा कि वो ICU में अचानक घुसती हैं और 10 मिनट तक मेरे साथ बहस कर रही हैं. वो 10 मिनट में Patient के Treatment में Delay हो गया. वो कह रही हैं Patient को कहां रखेंगे, कहां Shift करेंगे, Already जो हम करने जा रहे थे. हमारी Sister आती है, उस बच्चे को Attend करना चाहती है लेकिन वो करने नहीं देती है. रिज़ल्ट ये होता है कि डॉक्टर Pressurize होते हैं. हम जो कर रहे हैं, वो सही कर रहे हैं या ग़लत कर रहे हैं. हम अगर सही भी कर रहे होते हैं, तो हम सोचने लगते हैं कि ऐसा तो नहीं है कि हम जो कर रहे हैं वो मीडिया में दिख रहा है कि हम ग़लत कर रहे हैं. परिणाम ये होता है कि हम डरे-डरे ट्रीटमेंट करते हैं. उसने इस चीज़ को ऐसे दिखाया कि Patient के Treatment के लिए वो डॉक्टर से झगड़ ली.’
डॉ. दास ने आगे कहा,
डॉ. दास ने मीडिया से भी एक बहुत ही अहम बात कही,
डॉ. दास ने एसकेएमसीएच की व्यवस्था पर भी अपनी बात रखी,
पूरे वीडियो में डॉ. दास ने जिस शालीनता और सौम्यता से सारी बातें रखी, वो एक उदाहरण है हर उस पत्रकार के लिए, जिसे लगता है कि ‘चीखना’ ही पत्रकारिता है.