बेटी से मिलने के लिए बुज़ुर्ग महिला ने 8 दिनों तक ट्राई साइकिल खींच कर तय किया 170 किमी का सफ़र

Kratika Nigam

Madhya Pradesh Elderly Woman: सोशल मीडिया इतना एक्टिव है कि आज के समय में कोई भी वीडियो या तस्वीर छुपती ही नहीं है. एक वीडियो 7 जून को Twitter पर हम लोग We The People नाम के यूज़र ने अपलोड किया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि एक बूढ़ी मां सामान से लदी ट्राई साइकिल खिंचती हुई कहीं जा रही हैं, जो पैर से कुछ लंगड़ा भी रही हैं. वीडियो में एक शख़्स से पूछता है कि वो कहां से आ रही हैं, जिस पर बुज़ुर्ग महिला जवाब देती हैं कि, पचोर. शख़्स ने दोबारा पूछा कि कहां रहती हो, महिला ने जवाब दिया कि, राजगढ़.

ये भी पढ़ें: मां करती थी मज़दूरी, Fees भरने के भी नहीं थे पैसे… फिर बेटे ने ऑनलाइन जॉब करके लिख दी नई कहानी

आइए वीडियो के बारे में विस्तार से जानते हैं कि ये वीडियो कहां का है?

ये वीडियो राजगढ़ ज़िले के पचोर-ब्यावरा के बीच हाईवे का है और ये महिला मध्य प्रदेश के गुना ज़िले के अशोकनगर की रहने वाली लीबिया बाई हैं, जो अपनी एक मुंह बोली बेटी से मिलने के लिए 170 किलोमीटर की दूरी तय करके जा रही हैं. इन्हें चले हुए 8 दिन हो चुके हैं. बुजुर्ग महिला (Madhya Pradesh Elderly Woman) ने बताया कि,

उनके पास बस का किराया नहीं था इसलिए उन्हें इस कठिन राह को अपनाना पड़ा.

इस वीडियो को देखने के बाद कुछ लोगों ने इसे मां का प्यार कहा तो कुछ ने पूछा कि क्या बेटी मां से मिलने नहीं आ सकती थी? फ़र्क़ सिर्फ़ सोच का है किसी को मां का दर्द दिखता है तो किसी को मां की ममता. मगर एक बूढ़ी मां जो चल भी नहीं सकती वो अगर अपनी बेटी से मिलने जा रही है और हम उसे मां का प्यार, मां की ममता जैसे शब्दों से जोड़ रहे हैं तो ये क्या सही है? क्योंकि जैसे मां जा सकती है तो बेटी भी आ सकती है और अगर नहीं आ सकती तो मां के इस संघर्ष को मां का प्यार जैसे शब्दों से जोड़कर छोटा करना क्या सही है?

आइए इस वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया देखते हैं जो काफ़ी मिली-जुली हैं.

ये भी पढ़ें: मिलिए उत्तराखंड के दशरथ मांझी से, 12 साल में बदल डाला नदी का रुख और बचा लिया कई गांवों को

वैसे ये बात तो सही है कि मां एक बच्चे को जितना समझती है कोई और नहीं समझता. मगर कभी-कभी बच्चों को भी मां को समझना चाहिए. कभी-कभी इस तरह के संघर्ष से बच्चों को भी गुज़रना चाहिए क्योंकि हम मां को तो आसानी से कह देते हैं कि वो तो मां है सब कर लेगी..वो मां तो है मगर वो भी हाड़-मांस की इंसान है जो कर तो सब लेगी मगर तक़लीफ़ उसे भी होती है जो हमें समझने की ज़रूरत है.

आपको ये भी पसंद आएगा
जिस पति को मेहनत-मज़दूरी कर पढ़ाया, अफ़सर बनते ही उसने की दूसरी शादी, पढ़ें ममता की दर्दभरी कहानी
UPSC क्रैक करने वाली दो आयशा का मामला समझिए, दोनों का दावा उन्होंने ही पास की है परीक्षा
दुर्गाबाई व्योम की कहानी है इंस्पायरिंग, झाड़ू-पोछा करने से लेकर पद्म श्री तक ऐसा रहा सफ़र
मध्य प्रदेश: बजरंगबली को रेलवे का Notice, 7 दिन में ‘मंदिर’ खाली करें नहीं तो होगी कार्रवाई
MP का बेटा तुर्की के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया, रहने-खाने की फ़्री में की व्यवस्था
जानिये क्या ख़ास बात है आमों की मलिका ‘नूरजहां आम’ की, जिसका 1 आम 1500 रुपये में बिकता है