कोरोना संकट से उभरने के लिए कई लोग ज़रूरतमंदों को खाना, सैनिटाइज़र, मास्क के साथ-साथ अन्य ज़रूरी चीज़ें बांटने में जुटे हैं. इनके इस काम की प्रशंसा चारों-तरफ़ हो रही हैं और पुलिस भी इन ‘कोरोना योद्धाओं’ का पूरा साथ दे रही है, लेकिन मुंबई में ये नज़ारा एक दम उल्टा था. दरअसल, जाने-माने पर्यावरणविद् और वक़ील अफ़रोज़ शाह को ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
अफ़रोज़ शाह को मुंबई के वर्सोवा बीच की अकेले सफ़ाई करने के लिए भी जाना जाता है. ये लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए भी आगे आए हैं. अफ़रोज़ ने प्रवासी मज़दूरों को जूस, पानी और खाना दिया. इसके अलावा मज़दूरों को उनकी जगह पहुंचाने के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की. मगर मुंबई पुलिस को उनकी ये बात रास नहीं आई, इसलिए मुंबई पुलिस ने अफ़रोज़ को प्रवासी मज़दूरों को उनकी जगह पहुंचाने के लिए हिरासत में ले लिया.
अफ़रोज़ शाह ने मुंबई पुलिस द्वारा किए गए इस व्यवहार के प्रति रोष जताते हुए मामले की पूरी जानकारी ट्विटर पर दी.
शाह ने आरोप लगाया है,
तिलक नगर पुलिस ने मुझे 2 घंटे तक परेशान किया. इस दुर्व्यवहार से परेशान शाह ने कहा, वो अब लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों की मदद नहीं करेंगे.
इसके बाद भी उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लोगों से ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए कहा.
ट्वटिर पर लोगों ने अफ़रोज़ शाह का साथ देते हुए मुंबई पुलिस को आड़े हाथों लिया.
लॉकडाउन के दौरान, शाह फंसे हुए प्रवासियों की मदद करने के साथ-साथ बेज़ुबान जानवरों को भी खाना खिलाते हैं.
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