Bowenpally Sabzi Mandi: सब्ज़ी मंडी तकरीबन हर शहर में होती है, जहां से पूरे इलाके को सब्ज़ियां पहुंचाई जाती है. अब यहां भारी मात्रा में फल-सब्ज़ियों का पहुंचना और इनका खराब होना आम बात है. इस वेस्ट को समय पर नहीं निपटाया तो ये बीमारियों का कारण भी बन जाता है.
ऐसे में बहुत सी एनर्जी और पैसा इस वेस्ट को मैनेज करने के लिए ख़र्च हो जाता है. मगर हैदराबाद की एक सब्ज़ी मंडी ऐसी है जो इस वेस्ट से पैसे कमा रही है और रौशन कर रही कई घर.
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बोवेनपल्ली मार्केट (Bowenpally Sabzi Mandi)
Waste से Weath बना रही है ये सब्ज़ी मंडी तेलंगाना के बोवेनपल्ली में है. यहां ऑर्गेनिक वेस्ट यानी सड़ी फल-सब्ज़ियों की मदद से बिजली के उत्पादन के साथ ही बायोगैस भी बनाई जा रही है. इनकी मदद से 100 स्ट्रीट लाइट्स, 170 दुकानें, प्रशासनिक भवन आदि को बिजली सप्लाई की जा रही है.
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बायोगैस से चलती है कैंटीन
इससे बिजली की खपत की बचत तो हो ही रही है साथ में पैसा भी बच रहा है. यही नहीं इससे बनने वाली बायोगैस से बोवेनपल्ली सब्ज़ी मंडी में मौजूद कैंटीन में इस्तेमाल किया जाता है. यहां रोज़ाना क़रीब 700 लोगों के लिए खाना पकाया जाता है.
पीएम भी कर चुके हैं तारीफ़
यही नहीं वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में अधिकतर महिलाएं काम कर रही हैं. इस तरह कई लोगों को ये रोजग़ार भी उपलब्ध करवा रहा है. इस प्लांट से कमाई के साथ ही पर्यावरण को भी बचाया जा रहा है. ऑर्गेनिक वेस्ट से जैविक खाद भी बनाई जाती है, जिसे मंडी में आने वाले किसान ही ख़रीद लेते हैं. पीएम मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इस सब्ज़ी मंडी की तारीफ़ की थी.
ऐसे हुआ था शुरू
दूसरी सब्ज़ी मंडियों की तरह ही बोवेनपल्ली के व्यापारी भी वेस्ट से परेशान थे. इसका निपटारा करना बड़ा मुश्किल हो रहा था. तब उन्होंने सीएसआईआर-आईआईटी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला. इस तरह शुरू हुआ वेस्ट से ऊर्जा बनाने और पैसे बनाने का काम.
इस प्लांट में रोज़ाना 10 टन फल और सब्ज़ियों के अवशेषों को बायोगैस और बिजली में परिवर्तित किया जाता है. इसके लिए आस-पास की मंडियों से भी वेस्ट इकट्ठा करते हैं. इसकी सफलता के बाद राज्य प्रशासन आने वाले समय में इस तरह के कई और प्लांट खोलने की योजना बना रहा है.