गोली की तरह भैंसों की रेस में दौड़ा ये शख़्स, उसैन बोल्ट से हो रही है तुलना

J P Gupta

उसैन बोल्ट दुनिया के सबसे तेज़ धावक हैं. उन्होंने साल 2009 में बर्लिन वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर की दूरी 9.58 सेकेंड में तय कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इस रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है. मगर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि उनका ये रिकॉर्ड एक भारतीय किसान ने तोड़ दिया है.

thalsamayamonline

ट्विटर पर इस शख़्स का एक वीडियो भी शेयर किया गया है. डीपी सतीश नाम के एक शख़्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- ‘ये 28 साल के श्रीनिवास गौड़ हैं, जिन्होंने हुसैन बोल्ट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इन्होंने कंबाला रेस में 142.5 मीटर की दूरी 13.6 सेकेंड में पूरी की है. मतलब 100 मीटर सिर्फ़ 9.55 सेकेंड में. इस तरह इन्होंने उसैन बोल्ट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो 9.58 सेकेंड का था.’

क्या सच में श्रीनिवास ने उसैन बोल्ट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है? इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर बहस हो रही है. आप भी देखिए:

यहां मिले कुछ ट्वीट्स के अनुसार श्रीनिवास ने उसैन बोल्ट का रिकॉर्ड नहीं तोड़ा है. बल्कि उन्होंने ये दूरी भैंसों की मदद से तय की है. हां लेकिन उनमें एक अच्छे धावक बनने के गुण हैं. अगर वो सच में इस खेल में आ जाएं और प्रैक्टिस करें तो इंडिया को ट्रैक एंड फ़ील्ड्स इवेंट में पक्का मेडल दिला सकते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंबाला कर्नाटक का एक पारंपरिक खेल है. इसमें भैंसों को कीचड़ से भरे ट्रैक पर धावक के साथ दौड़ाया जाता है. हर साल इसका आयोजन कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ औऱ उडुपी ज़िलों में होता है.

News के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे