कोरोना वायरस: महिला वैज्ञानिक ने बच्ची के जन्म से कुछ घंटे पहले बनाई देश की पहली ‘कोरोना टेस्टिंग किट’

Kratika Nigam

कोरोना वायरस से बचने के लिए हमारे देश में हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले IIT और AIMS के पूर्व छात्रों ने कोरोना से लड़ने के लिए ‘Airlens Minus Corona’ नाम की एक डिवाइस बनाई थी. अब पुणे की वायरॉलजिस्ट मीनल दाखवे भोसले ने कोरोना वायरस की जांच के लिए कोरोना टेस्टिंग किट बनाई है. ये किट किसी भी विदेशी किट के मुकाबले बहुत सस्ती है. मीनल ने इसे अपनी प्रेगनेंसी के आख़िरी महीनों में बनाई है. देश की ये पहली किट कोरोना के ख़िलाफ़ सफ़ल भूमिका अदा करेगी. मीनल ने एक ‘डायग्नॉस्टिक फ़र्म माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस’ के इस प्रोजेक्ट पर फरवरी में काम शुरू किया था.

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उन्होंने कहा,

मैंने अपने देश की सेवा करना चाहती थी, इसलिए मैंने इस चुनौती को स्वीकारा. मेरी टीम के सभी 10 सदस्यों ने बहुत मेहनत की है. प्रोजेक्ट पूरा होने पर टेस्टिंग किट नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरॉलजी (NIV) को 18 मार्च को सौंप दी गई थी और अगले दिन ही मुझे बेटी हुई.

मीनल ने PTI को बताया,

ये मेरे लिए दो बच्चों को जन्म देने जैसा था. मेरी ज़िंदगी के दो अहम़ पल एक साथ चल रहे थे. दोनों चुनौती की तरह थे. मेरी बेटी सिज़ेरियन से हुई है. मैं इस फ़ील्ड में पिछले 5 सालों से कार्यरत हूं.
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उन्होंने बताया,

ये टेस्टिंग किट गुरुवार को मार्केट में आ गई थी. ये वायरस के संक्रमण की जांच तेज़ी से करेगी. इस किट का रिज़लट ढाई घंटे में मिल जाता है, जबकि किसी विदेशी टेस्टिंग किट को 6 से 7 घंटे लगते हैं. एक किट का खर्च 1,200 रुपये है. ये विदेशी किट के खर्चे (4,500 रुपये) के मुकाबले क़रीब एक चौथाई है. 

कंपनी के सह-संस्थापक श्रीकांत पटोले ने कहा,

दवा की खोज की तरह, परीक्षण किट भी परिशुद्धता में सुधार करने के लिए बहुत सारी गुणवत्ता जांच से गुज़रती है. उन्होंने परियोजना की सफ़लता का श्रेय मीनल को दिया है. 
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विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च स्तर की जांच और परीक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे ही COVID-19 को ख़त्म किया जा सकता है और इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है.

आपको बता दें, माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस हर दिन 15 हज़ार टेस्टिंग किट तैयार कर रही है. पुणे के लोनावला की फ़ैक्टरी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रोज़ 25 हज़ार किट तैयार की जा सकती हैं. माइलैब ने पहले बैच में पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु के डायग्नोस्टिक लैब को 150 टेस्टिंग किट भेजी है.   

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