अपनी दवाईयों की फ़िक्र किये बिना 82 वर्षीय बुज़ुर्ग ने कोरोना से लड़ने के लिये दिये 10,000 रुपये

Akanksha Tiwari

कोरोना की चपेट में आकर न जाने कितने लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में देश का हर नागरिक एक-दूसरे की मदद के लिये आगे आ रहा है. कोई राशन-पानी से मदद कर रहा है, तो कोई पैसों से. इनमें वो बुज़ुर्ग भी शामिल हैं, जो अपनी जमा-पूंजी लोगों को बचाने में लगा रहे हैं. 

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ताज़ा मामला कोलकाता से आया है. जहां 82 साल के सुभाष चंद्र ने राज्य सरकार को 10 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद की है. नोटिस करने वाली बात ये है कि पेंशन के अधिकतर पैसे उनकी दवाईयों पर ख़र्च होते थे. उन्होंने इन सबके बारे में सोचे बिना इतनी रक़म देने का फ़ैसला लिया. इस स्टोरी का एक एंगल ये है कि सुभाष चंद्र को ऑनलाइन पेमेंट करना नहीं आता था. 

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इसलिये उन्होंने पुलिसवालों को घर पर बुलाकर चेक दिया. पुलिस ये सोच कर उनके घर पहुंची थी कि उन्हें मदद की ज़रूरत होगी, पर उनके हाथों में चेक देख कर वो भी हैरान थे. 

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कौन हैं सुभाष चंद्र? 

82 वर्षीय सुभाष चंद्र कॉलेज के रिटायर प्रोफ़ेसर हैं. वो अकेले रहते हैं और पेंशन के पैसे ज़िंदगी की गुज़ार रहे हैं. 

धन्य है हर वो इंसान जो इस समय अपने बारे में न सोचकर देश के बारे में सोच रहा है. 

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