हम सिर्फ़ फ़िल्मों में ही पुलिस को नायक की भूमिका में नहीं देखते हैं, बल्कि रियल ज़िंदगी में भी कई पुलिसवाले नायक जैसा काम करते हैं. इन दिनों एक ऐसी ही महिला पुलिस की भी ख़ूब तारीफ़ें हो रही हैं. मुंबई की इस महिला पुलिस का नाम संध्या शीलवंत हैं, जिन्होंने कोविड-19 की महामारी के बीच चार लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया. चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से एक मृतक कोरोना पॉज़िटिव पाया गया था.
संध्या शीलवंत की पोस्टिंग मुंबई के शाहू नगर पुलिस स्टेशन में हैं. उनका काम आकस्मिक मौत के मामलों का रजिस्ट्रेश कर उन सभी लावारिस लाशों को एकत्रित करना है. इसके साथ ही महिला पुलिस को लावारिस लाशों के परिजनों का पता लगा कर लाशों को निपटाना भी पड़ता है. वहीं उनसे कोविड-19 के दौरान चार लावारिश लाशों में एक कोराना पॉजिटिव का मृतक के अंतिम संस्कार के बारे में भी पूछा गया.
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस स्टेशन के कर्मचारी भोईवाड़ा श्मशान पहुंचे. जहां BM कर्मचारी सायन अस्पताल से चारों शवों को लाये. हम अंतिम संस्कार होने तक वहीं रुके. वहीं श्मशान के अधिकारियों से रसीदें लेने के बाद ही मैं वहां से लौटी. शीलवंत के दो बेटे हैं, जिसमें एक 13 साल का है और दूसरा 9 साल का. उन्होंने जिस तरह साहसी बन कर कोरोना पॉज़िटिव मृतक का अंतिम संस्कार किया, वो सबका दिल छू गया. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी उनकी तारीफ़ की है.
इसके अलावा आम जनता भी उनकी ख़ूब प्रशंसा कर रही है:
कोविड-19 के डर से लोग लावारिस लाशों को लेने से इंकार कर रहे हैं और शीलवंत उनका अंतिम संस्कार करना अपना कर्तव्य मानती हैं.
महिला पुलिस को प्यार और सलाम!
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