पुणे शहर हमेशा ही अपने अनोखे कार्यों के लिये सुर्खियों में रहता है. इस बार पुणे शहर में नयी पहल को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके तहत पुरानी बसों को टॉयलेट में तब्दील किया जा रहा है. सार्वजनिक स्थल पर ये टॉयलेट्स महिलाओं की सुविधाओं के लिये बनाये गये हैं.
इस ख़ास और नेक पहल की शुरुआत 2016 में पुणे में दो Entrepreneurs की तरफ़ से की गई थी. उलका सदलकर और राजीव खेर द्वारा शुरू की गई इस परियोजना का नाम ‘ती टॉयलेट’ (Ti Toilet) रखा गया. मराठी भाषा में ती का मतलब ‘उसका’ (Her) है. इस प्रोजेक्ट के तहत 12 पुरानी बसों को अब तक पिंक टॉयलेट में बदला जा चुका है.
पिंक टॉयलेट में बच्चों को दूध पिलाने के लिए फीडिंग रूम से लेकर डायपर और सैनिटरी पैड ख़रीदने तक की सुविधा है. महिलाएं सिर्फ़ 5 रुपये देकर टॉयलेट की सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं. यही नहीं, इन टॉयलेट में उनकी मदद के लिये एक अटेंडेंट भी मौजूद रहती है. रिपोर्ट के मुताबिक, रोज़ाना लगभग 200 महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा रही हैं. बसों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए सोलर पैनल लगे हुए हैं.
इस बारे में सदालकर का कहना है कि ‘महिलाओं को साफ़ और सुरक्षित वॉशरूम मिलना चाहिये. ये उनका मौलिक अधिकार है’. इसके साथ ही सदालकर और राजीव अगले पांच वर्षों में देशभर में ऐसे 1000 महिला टॉयलेट बनाने का लक्ष्य भी बना चुके हैं.
वहीं महिला टॉयलेट में काम करने वाली 40 साल की मनीषा आधव का कहना है कि उन्हें यहां काम करने में गर्व महसूस होता है. यहां आने वाली महिलाएं उन्हें आशीर्वाद देती हैं. वहीं 18 वर्षीय कॉलेज स्टूडेंट सुवर्णा डोंगरे इस प्रोजेक्ट से काफ़ी ख़ुश दिखाई दीं. डोंगरे कहती हैं कि ‘मैं पार्क में आई थी और तुरंत बाथरूम जाना चाहती थी. ये शौचालय बहुत आरामदायक और सुरक्षित है.’
पुणे की तरह अगर बाकि शहरों में भी इस तरह की सुविधाएं हो जायें, तो सच में महिलाओं के लिये राहत की ख़बर होगी. इसके साथ ही पुणे की इस पहल के लिये तालियां!
News के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.