Rinku Singh Rahi Cracked UPSC : पीसीएस अधिकारी (provincial civil services) रिंकू सिंह राही ने देश की सबसे कठीन यूपीएससी (2021) परीक्षा पास कर ली है. उनका इस परिक्षा में ऑल इंडिया रैंक 683 है. रिंकू सिंह राही की कहानी, उनका जज़्बा और उनकी मेहनत दूसरों को लिए प्रेरणादायक है, क्योंकि ये वही व्यक्ति हैं जिन्होंने करोड़ों के घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था और इसके चलते इन्हें 7 गोलियां खानी पड़ी थी. आइये, इस आर्टिकल में पढ़ते हैं रिंकू सिंह राही के बारे में कुछ ख़ास.
विस्तार से पढ़ते हैं रिंकू सिंह राही (Rinku Singh Rahi Cracked UPSC) के बारे में.
अलीगढ़ के रहने वाले हैं रिंकू
Rinku Singh Rahi Cracked UPSC : रिंकू सिंह राही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं. इनका जन्म 20 मई 1982 को हुआ था. घर की माली हालत ठीक न होने की वजह से रिंकू ने अपनी स्कूली शिक्षा अलीगढ़ के सरकारी स्कूल से प्राप्त की. वहीं, अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद उन्हें छात्रवृत्ति मिली और फिर उन्होंने बी.टेक किया.
समाज कल्याण अधिकारी
2004 में उत्तर प्रदेश प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा (Uttar Pradesh Provincial Civil Services examination) में उत्तीर्ण करने के बाद, उन्हें 2008 में मुज़फ़्फ़रनगर में ज़िला समाज कल्याण अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था. वहीं, उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में रहने के बाद साल 2019 से वो हापुड़ के राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, उन्होंने पिछले तीन वर्षों में क़रीब 300 छात्रों को सिविल एग्ज़ाम पास करवाकर अफ़सर बनाने का काम किया है.
घोटाले का किया था पर्दाफ़ाश
Rinku Singh Rahi Cracked UPSC: साल 2009 में पीसीएस अधिकारी रहते हुए उन्होंने क़रीब 83 करोड़ रुपए के एक Scholarship Scam का पर्दाफ़ाश किया था. इतने बड़े घोटाले का भंडाफ़ोड होने की वजह से माफ़ियाओं ने रिंकू सिंह राही को एक नहीं, दो नहीं बल्कि 7 गोलियां मारी थीं. इसमें उनकी जान तो बच गई, लेकिन उनकी एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई. साथ ही एक कान से सुनने की क्षमता भी वो खो बैठे.
भेज दिया था पागलख़ाने में
Rinku Singh Rahi Cracked UPSC: उनकी मुसीबतें यहीं शांत नहीं हुईं थी. बहुत ज़्यादा विरोध प्रदर्शन करने के चलते उन्हें पागलख़ाने भेज दिया गया था. उन्होंने वर्ष 2012 में RTI के तहत विभाग से जानकारी न मिलने पर लखनऊ निदेशालय के बाहर धरना दिया था. इस पर रिंकू राही का कहना है कि वो सिस्टम से नहीं, बल्कि सिस्टम उनसे लड़ रहा है.