ज़मीन के नीचे कांच के बॉक्स में क़ैद है ये सीरियल किलर, आख़िरी सांस तक नहीं आ पाएगा बाहर

Abhay Sinha

क़त्ल… कुछ लोग मजबूरी में तो कुछ पेशवर तौर पर इस घिनौने अपराध को अंजाम देते हैं. मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो बस मज़े के लिए किसी दूसरे शख़्स को मौत के घाट उतार देते हैं. उनके सिर पर एक अजीब सा जुनून सवार होता है, जिसके कारण वो एक के बाद एक लोगों को मारते ही रहते हैं. दुनिया उन्हें सीरियल किलर के तौर पर जानती है. 

एक ऐसा ही सीरियल किलर रॉबर्ट मौडस्ले (Robert Maudsley) भी है. लिवरपूल शहर का रहनेवाला वाला एक ऐसा अपराधी जिसे यूनाइटेड किंगडम के सबसे कुख़्यात सीरियर किलर के तौर पर जाना जाता है. आज ये शख़्स पुलिस की गिरफ़्त में है. 

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आम तौर पर ऐसे अपराधियों को या तो फांसी की सज़ा होती है या फिर ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया जाता है. मगर रॉबर्ट के साथ ऐसा नहीं हुआ. ये क़ातिल जितना ख़तरनाक था, उतनी ही भयानक सज़ा भी काट रहा है. एक ऐसी सज़ा जो शायद ही कभी किसी दूसरे अपराधी को मिली होगी. हम आपको इस हत्यारे की सज़ा बताएं, उसके पहले उसके अपराध बता देते हैं.

45 साल पहले किया था पहला मर्डर

रॉबर्ट मौडस्ले की कहानी आज से क़रीब 45 साल पहले शुरू होती है. उस वक़्त उसकी उम्र महज़ 21 साल थी. देखने में वो साधारण सा लड़का था, मगर उसकी मासूम सूरत के पीछे एक आदमखोर भेड़िया छिपा था. वो भेड़िया जो शिकार करने को तड़प रहा था और उसने किया भी. एक शख़्स को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया.

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मगर उसकी ख़ून की प्यास एक हत्या कर देने भर से नहीं बुझी. वो एक के बाद एक हत्याएं करता रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, उसने 1974 से 1978 के बीच चार और लोगों की बड़ी बेरहमी से हत्या की. मरने वालों में उसकी पत्नी भी शामिल थी.

अंडरग्राउंड कांच के बक्से में कटेगी पूरी ज़िंदगी 

ब्रिटेन में सीरियल किलर रॉबर्ट मौडस्ले नाम आज बच्चा-बच्चा जानता है. एक वक़्त उसकी इन वारदातों ने देशभर के लोगों को डराकर रख दिया था. ऐसे में जब पुलिस ने उसे गिरफ़्तार किया, तो उसे दूसरे कैदियों के साथ रखने में रिस्क था. क्योंकि रॉबर्ट काफ़ी हिंसक था. 

ऐसे में उसके लिए साल 1983 में पश्चिमी यॉर्कशायर की एक जेल में स्पेशल सेल बनाई गई. ये सेल दरअसल, एक अंडरग्राउंड 5.5X4.5 साइज़ की एक कांच की बॉक्सनुमा हवालात थी. ये एक बुलेटप्रूफ़ ग्लास से बनी सेल है. वो क़रीब  23 घंटे रोज़ इसी कोठरी में बिताता है. यहां सोने के लिए एक कंक्रीट स्लैब है और वॉशरूम.

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सीरियल किलर रॉबर्ट मौडस्ले इस सज़ा से इतना उकता चुका है कि उसने साल 2000 में अदालत से उसे मार देने की भीख तक मांंगी थी. पिछले साल ही उसने क्रिसमस के मौक़े पर उसे दूसरे क़ैदियों के साथ रहने की अपील भी की थी. मगर उसे भी ठुकरा दिया गया. प्रशासन को डर था कि वो बाकी क़ैदियों के लिए ख़तरा बन सकता है. 

सीरियल किलर रॉबर्ट मौडस्ले अब 68 साल का हो चुका है और अभी भी इसी तरह ज़मीन के नीचे बनी सेल में क़ैद है. वो तड़प रहा है बाहर निकलने को, मगर उसने जितने जघन्य अपराध किए हैं, उसके लिए उसे शायद ताउम्र ऐसे ही ज़िंदगी गुज़ारनी होगी. 

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