कुछ दिनों पहले ख़बर आई थी कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने नीता अंबानी को विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर बनने का प्रस्ताव भेजा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए सभी ख़बरों को ग़लत बताया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी ख़बरों पर विराम लगाते हुए ये साफ़ कर दिया कि यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में नीता अंबानी की नियुक्ति नहीं हो रही.
ANI के एक ट्वीट के मुताबिक़, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि नीता अंबानी को बीएचयू से ऐसा कोई ऑफ़र नहीं मिला है.
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सोशल साइंस फ़ैकल्टी (Social Science Faculty) के वुमन्स स्टडी सेन्टर (Women’s Study Centre) में 3 विज़िटिंग प्रोफ़ेसर्स (Visiting Professors) नियुक्त किए जाने हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि नीता अंबानी के अलावा दो अन्य महिलाओं, प्रीति अडानी (गौतम अडानी की पत्नी), उषा मित्तल (लक्ष्मी मित्तल की पत्नी) को भी विज़िटिंग प्रोफ़ेसर बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
सोशल साइंस फ़ैकल्टी के डीन (Dean) कौशल किशोर मिश्रा का कहना था कि नीता अंबानी के अनुभवों से यूनिवर्सिटी को लाभ हो इसलिए रिलायंस फ़ाउंडेशन को चिट्ठी भेजी गई थी. रिलायंस फ़ाउंडेशन ने महिला सशक्तिकरण के लिए काफ़ी काम-काज किया है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इस प्रस्ताव को भेजे जाने में नीता अंबानी या रिलायंस का कोई हाथ नहीं है.
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