मिलिए तमिलनाडु की पहली महिला पुलिस अफ़सर वी शालिनी से, जो कभी पीएम मोदी की सुरक्षा में थीं तैनात

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Tamilnadu Police V Shalini : कभी-कभी ज़िंदगी में वक़्त इतनी तेज़ी से करवट लेता है कि हम समझ ही नहीं पाते कि हमारे साथ क्या हो रहा है. जब तक हमें कुछ परिस्थितियां समझ में आती हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. कुछ ऐसी ही कहानी तमिलनाडु की एक महिला पुलिसकर्मी वी शालिनी की है, जो कभी पीएम नरेंद्र मोदी की एसपीजी सुरक्षा में क्लोज़ प्रोटेक्शन का हिस्सा थीं.

लेकिन वक़्त ने उनके साथ ऐसा उलटफेर किया कि उन्हें हाई प्रोफ़ाइल सीपीजी सुरक्षा से निकलकर तमिलनाडु पुलिस की सेवा में लौटने को मजबूर होना पड़ा. आइए हम आपको वी शालिनी के बारे में विस्तार से बताते हैं.

कौन हैं वी शालिनी?

36 वर्षीय वी शालिनी तमिलनाडु की पहली महिला पुलिस अधिकारी हैं. वो 2015 से 2018 के बीच पीएम के क्लोज़ प्रोटेक्शन ग्रुप का हिस्सा थीं. वो हाउस प्रोटेक्शन, उन्नत हथियारों और वीआईपी सुरक्षा में प्रशिक्षित है. लेकिन मौजूदा समय में वो तमिलनाडु के उलुंडुरपेट में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस की 10वीं बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं. अब सवाल ये उठता है कि देश की सबसे हाई-क्लास सिक्योरिटी का हिस्सा रहने के बाद आज वी शालिनी हाथों में लाठी लेकर हेड कॉन्स्टेबल के पद पर क्यों तैनात हैं?

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2005 में हुई थीं पुलिस में भर्ती

तमिलनाडु की वी शालिनी बेहद ग़रीब घर से आती हैं. वो साल 2005 में एक सिपाही के रूप में तमिलनाडु विशेष पुलिस में शामिल हुईं. इसके बाद उन्होंने मैथ्स में ग्रेजुएशन पूरा किया. जब वो 2008 में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में काम कर रही थीं, तब उन्हें नई गठित तमिलनाडु पुलिस एकेडमी में परेड प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया.

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2013 में एसपीजी के लिए चुनी गईं

एक समय वो परिवीक्षार्थियों को प्रशिक्षण दे रही थीं, तब एसपीजी के अधिकारियों के एक समूह ने उन्हें देखा. वो उनसे काफ़ी इम्प्रेस हुए और उन्हें कुछ परीक्षाओं और शारीरिक परीक्षणों में भाग लेने के लिए कहा. साल 2013 में उनके वरिष्ठ निरीक्षक भक्तक उन्हें टीएनपीए एसपी नागराजन के पास ले गए और उन्होंने ख़बर दी कि वी शालिनी को एसपीजी के लिए चुना गया है. इसके बाद वो दिल्ली पहुंची और उन्हें फिर से ट्रेनिंग लेनी पड़ी, क्योंकि सेलेक्शन प्रोसेस के दो साल बाद वो इस टीम में शामिल हो रही थीं.

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धुन की थीं पक्की

उन्होंने 35 आदमियों के साथ चार महीने की कठिन ट्रेनिंग की. इसके बाद उन्हें सोनिया गांधी के घर में तैनात कर दिया गया. फिर 2014 ख़त्म होते-होते उनके सीनियर्स ने बताया कि पीएम मोदी के लिए CPT के लिए लोगों की भर्ती होने जा रही है. शालिनी को इसमें जाने का मन था. लोगों ने इसको लेकर उन्हें काफ़ी मना किया, लेकिन वो नहीं मानी. उन्होंने पांच महीने की फिर से कठिन ट्रेनिंग ली और CPT में शामिल हो गई.  

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इस वजह से छोड़नी पड़ी फ़ोर्स

वी शालिनी ने अपने काम से लोगों को ऐसा प्रभावित कर दिया था कि लोग उन्हें ‘आयरन लेडी‘ के नाम से पुकारने लगे थे. लेकिन 2018 में अपनी मां की देखभाल के लिए उन्हें फ़ोर्स छोड़नी पड़ी. वी. शालिनी के मुताबिक कई वरिष्ठ अधिकारी नहीं चाहते थे कि वो जाएं. लेकिन शालिनी के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था, जिस वजह से वो अपनी मूल ईकाई में लौट आईं. अभी वो बटालियन कैंप की देखभाल करती हैं. 

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