बीजेपी विधायक, कुलदीप सेंगर पर पिछले साल एक 17 साल की लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया था. रविवार को इस लड़की और उसके परिवार का रायबरेली में एक्सिडेंट हो गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक ये हादसा उस समय हुआ जब परिवार, राय बरेली जेल में बंद लड़की के चाचा से मिलकर लौट रहा था. जिस ट्रक से एक्सिडेंट हुआ, उसका नंबर भी मिटा हुआ था.ट्रक को तो ज़ब्त कर लिया गया है, पर ड्राइवर फ़रार होने में क़मयाब रहा.
उन्नाव एस.पी, एम.पी.वर्मा ने बताया,
सर्वाइर और उसके परिवार को घटना के बाद सिक्योरिटी दी गई थी. वो हर जगह सर्वाइवर का पीछा करते थे. हमारी जानकारी के अनुसार घटना के दौरान उनके साथ सिक्योरिटी नहीं थी. ऐसा लगता है उन्होंने ही सिक्योरिटी के लिए मना किया था. हमने इस बात के जांच के भी आदेश दे दिए हैं कि उनके साथ सिक्योरिटी क्यों नहीं थी.
-एम.पी.वर्मा
2017 से कुलदीप सिंह सेंगर जेल में है.
ये है पूरा मामला
पिछले साल, 8 अप्रैल को एक 17 साल की लड़की ने मुख्यमंत्री आवास के सामने ख़ुद को जलाने की कोशिश की थी. इस लड़की ने विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था. सर्वाइवर का आरोप था कि विधायक के घर वो नौकरी के सिलसिले में गई थी जहां उसका रेप किया गया. आरोप के एक दिन बाद ही लड़की के पिता को सेंगर के भाई और दोस्तों ने मिलकर बुरी तरह पीटा. पुलिस ने ‘अवैध हथियार’ रखने के जुर्म में लड़की के पिता को गिरफ़्तार कर लिया और ‘संदिग्ध हालात’ में उसकी जेल में ही मौत हो गई. ज़ख़्मी और लहुलुहान पिता के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए गए थे. कहीं कोई कार्रवाई न होने पर लड़की ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया था.
घटना पर सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है-
1. पिता की मौत
अगर आप उन्नाव सर्वाइवर के लिए खड़े नहीं होते हैं तो इतिहास आपको कभी माफ़ नहीं करेगा. बीजेपी को किस बात का अभिमान है? उन्हें पता है कि चाहे कितने भी रेप हों, हत्याएं हों तुम उनके समर्थक हमेशा उनके साथ रहोगे. इस लड़की की जगह तुम्हारी पहचान का कोई होता तो?
उन्नाव केस साफ़ तौर पर प्लैन्ड है. हमें सरकार ने बेटी बचाव का वादा किया था पर यहां न सिर्फ़ बेटी पर बल्कि उसके परिवार को भी ख़तरा है.
मैं एक बीजेपी समर्थक हूं पर उन्नाव का केस देखकर मुझे शर्म, घिन और गुस्सा आ रहा है. ये फ़िल्मों में होने वाली हत्या जैसा ही है और ये बीजेपी का अभिमान दिखाता है. उन्नाव की लड़की के लिए प्रार्थना करिए, उसके लिए प्रार्थना करने वाला कोई नहीं है.
उन्नाव में जो हुआ उसके बाद भी हम अगर एक देश के तौर पर एकजुट खड़े नहीं होते हैं तो फिर कुछ बचा ही नहीं है. हम रोबोट्स बन चुके हैं.
बीजेपी टेरर का ये पहले से प्लैन्ड मर्डर है.
अगर आपको अब भी लगता है कि बीजेपी हमारे प्रजातंत्र और मौलिक अधिकारों को बचा सकती है तो सपने से जाग जाइए.
यूं तो सितंबर तक हम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच जाएंगे पर आज भी इस देश में रेप के केस दर्ज नहीं होते सिर्फ़ इसलिए क्योंकि आरोपी एक विधायक है, सरकार का मुरीद है. यही नहीं, आरोप लगाने वाले और उसके परिजनों की भी संदिग्ध हालात में मौत हो जाती है. समझ में नहीं आता कि हम किस तरह के देश में रहे हैं जहां लोगों को न्याय तो नहीं मिलता, हां पर मृत्यु ज़रूर मिल जाती है.