नेता एक-दूसरे पर छिंटा-कशी करते हैं पर ये 6 लोग सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से गिरफ़्तार हो गए

Sanchita Pathak

हमारे देश में बोलने और लिखने की आज़ादी है. इस आज़ादी का ‘फ़ायदा’ हम ज़ोर-शोर से उठाते हैं. अपने विचारों को हक़ीक़त की शक़्ल देते हैं. नेतागण भी इस आज़ादी का (और चुनाव की आड़ में) एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं. आज की तारीख में शायद ही कोई बड़ा नेता ऐसा हो, जिसने कभी किसी दूसरे नेता पर विवादित बयान न दिया हो.  

Livemint की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 और 2018 में देशभर कम से कम 50 लोगों को सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से गिरफ़्तार किया गया. 


नेतागण आपस में एक-दूसरे की बुराई करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती. पर कई बार आम आदमी अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से गिरफ़्तार हो जाते हैं. उन्हें भी उसी नज़र से देखा जाता है, जैसा किसी खूंखार आतंकवादी को. 

ये लोग सोशल मीडिया साइट्स पर लिखने और Memes शेयर करने के लिए जेल गए- 

1) ज़ाकिर अली त्यागी 

The Quint

2 अप्रैल 2017 को कुछ सवाल करने के लिए 18 वर्षीय ज़ाकिर को उसके घर से उठाया गया. सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर लिखने के लिए ज़ाकिर को अलग-अलग धारा लगाकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया. 42 दिनों तक ज़ाकिर, खूंखार अपराधियों के बीच मुज़फ़्फरनगर जेल में रहा जहां उसे बाथरूम का इस्तेमाल करने के लिए भी पैसे देने पड़ते. 

India Spend

जेल से रिहा होने के बाद ज़ाकिर ने अपनी नौकरी खो दी. एक रिपोर्ट के अनुसार ज़ाकिर Correspondence से ग्रैजुएशन कर रहा है. 

2) शाहीन और रेनु 

India Today

2012 में बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद शाहीन ने फ़ेसबुक पर सवाल किया कि एक नेता की मृत्यु पर पूरा शहर बंद क्यों है? उसने पोस्ट में ये लिखा कि लोगों को भगत सिंह और राजगुरू को याद करना चाहिए. शाहीन को ये पोस्ट लिखने और उसकी दोस्त रेनु को पोस्ट लाइक करने के लिए गिरफ़्तार किया गया. एक लोकल शिव सेना नेता की शिकायत पर उन दोनों को गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद लगभग 40 शिव सैनिकों ने शाहीन के अंकल के अस्पताल में घुसकर तोड़-फोड़ की पर उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. 

3) Kishorechandra Wangkhem 

BBC

पूछताछ के बहाने, Kishorechandra को 27 नवंबर, 2018 को मणिपुर पुलिस थाने ले गई. Kishorechandra के भाई और पत्नी, रंजीता 5 घंटे थाने के बाहर इंतज़ार किया. शाम को रंजीता गर्म कपड़े लेने घर गईं. वापस आकर उन्हें पता चला कि उनके पति को High Security Prison भेजा गया है. अगले दिन के अख़बार में पढ़कर उन्हें पता चला कि उनके पति को गिरफ़्तार किया गया है.


Kishorechandra ने 19 नवंबर को लोकल बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए कुछ वीडियोज़ डाले थे. उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को मोदी सरकार की गुड़िया कहा. कोर्ट ने Kishorechandra को बरी कर दिया. पुलिस ने इसके बाद National Security Law का हवाला देते हुए उन्हें डिटेन किया.  

4) प्रियंका शर्मा 

Tribune India
Navbharat Times

ममता बैनर्जी पर एक Meme शेयर करने पर प्रियंका शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रियंका को 18 घंटे बाद ज़मानत दी गई. प्रियंका ने ये Meme बनाया भी नहीं था, सिर्फ़ शेयर किया था. 

5) सुनील कुमार 

Indian Express

मुंबई में एक 38 वर्षीय होमियोपैथी डॉक्टर, सुनील कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया. उन पर आरोप था कि उन्होंने बीजेपी की भोपाल प्रत्याशी के खिलाफ़ भद्दी टिप्पणी की है. रविंद्र तिवारी की शिकायत पर सुनील को हिरासत में लिया गया.   

6) आलीम अहमद 

मेरठ के नागला सालेमपुर गांव से है अलीम. उसके पिता को गांव में मुखिया का ही दर्जा प्राप्त था. 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपाई की मृत्यु के बाद अलीम ने बाबरी मस्जिद गिराने में उनकी भूमिका से जुड़ी एक पोस्ट लिखी. 3 दिन बाद सुबह के तकरीबन 3 बजे अलीम के घर पर पुलिस आई, तब वो दिल्ली में था.


जब पुलिसवालों को बताया गया कि वो घर पर नहीं है तो वो घर की ऐसे तलाशी लेने लगे मानो किसी ख़तरनाक अपराधी को ढूंढ रहे हों. अलीम के पिता को पूछताछ के लिए ले जाया गया और उनसे कहा गया कि वो सरकारी नौकरी खो सकते हैं. 20 अगस्त को अलीम ने सरेंडर कर दिया. 39 दिन तक अपराधियों, ख़ूनियों, ड्रग एडिक्ट्स के बीच उसे जेल में रखा गया. अब इस परिवार को ‘देशद्रोही’, ‘गद्दार’ कहा जाता है. 

हर रोज़ अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर महिलाओं को रेप की धमकियां मिलती हैं. विचारों के लिए लोगों को गालियां सुननी पड़ती है. कभी ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ़्तार होते नहीं देखा. 

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