हमारे देश में बोलने और लिखने की आज़ादी है. इस आज़ादी का ‘फ़ायदा’ हम ज़ोर-शोर से उठाते हैं. अपने विचारों को हक़ीक़त की शक़्ल देते हैं. नेतागण भी इस आज़ादी का (और चुनाव की आड़ में) एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं. आज की तारीख में शायद ही कोई बड़ा नेता ऐसा हो, जिसने कभी किसी दूसरे नेता पर विवादित बयान न दिया हो.
Livemint की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 और 2018 में देशभर कम से कम 50 लोगों को सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से गिरफ़्तार किया गया.
ये लोग सोशल मीडिया साइट्स पर लिखने और Memes शेयर करने के लिए जेल गए-
1) ज़ाकिर अली त्यागी
2 अप्रैल 2017 को कुछ सवाल करने के लिए 18 वर्षीय ज़ाकिर को उसके घर से उठाया गया. सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर लिखने के लिए ज़ाकिर को अलग-अलग धारा लगाकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया. 42 दिनों तक ज़ाकिर, खूंखार अपराधियों के बीच मुज़फ़्फरनगर जेल में रहा जहां उसे बाथरूम का इस्तेमाल करने के लिए भी पैसे देने पड़ते.
जेल से रिहा होने के बाद ज़ाकिर ने अपनी नौकरी खो दी. एक रिपोर्ट के अनुसार ज़ाकिर Correspondence से ग्रैजुएशन कर रहा है.
2) शाहीन और रेनु
2012 में बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद शाहीन ने फ़ेसबुक पर सवाल किया कि एक नेता की मृत्यु पर पूरा शहर बंद क्यों है? उसने पोस्ट में ये लिखा कि लोगों को भगत सिंह और राजगुरू को याद करना चाहिए. शाहीन को ये पोस्ट लिखने और उसकी दोस्त रेनु को पोस्ट लाइक करने के लिए गिरफ़्तार किया गया. एक लोकल शिव सेना नेता की शिकायत पर उन दोनों को गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद लगभग 40 शिव सैनिकों ने शाहीन के अंकल के अस्पताल में घुसकर तोड़-फोड़ की पर उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
3) Kishorechandra Wangkhem
पूछताछ के बहाने, Kishorechandra को 27 नवंबर, 2018 को मणिपुर पुलिस थाने ले गई. Kishorechandra के भाई और पत्नी, रंजीता 5 घंटे थाने के बाहर इंतज़ार किया. शाम को रंजीता गर्म कपड़े लेने घर गईं. वापस आकर उन्हें पता चला कि उनके पति को High Security Prison भेजा गया है. अगले दिन के अख़बार में पढ़कर उन्हें पता चला कि उनके पति को गिरफ़्तार किया गया है.
4) प्रियंका शर्मा
ममता बैनर्जी पर एक Meme शेयर करने पर प्रियंका शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रियंका को 18 घंटे बाद ज़मानत दी गई. प्रियंका ने ये Meme बनाया भी नहीं था, सिर्फ़ शेयर किया था.
5) सुनील कुमार
मुंबई में एक 38 वर्षीय होमियोपैथी डॉक्टर, सुनील कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया. उन पर आरोप था कि उन्होंने बीजेपी की भोपाल प्रत्याशी के खिलाफ़ भद्दी टिप्पणी की है. रविंद्र तिवारी की शिकायत पर सुनील को हिरासत में लिया गया.
6) आलीम अहमद
मेरठ के नागला सालेमपुर गांव से है अलीम. उसके पिता को गांव में मुखिया का ही दर्जा प्राप्त था. 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपाई की मृत्यु के बाद अलीम ने बाबरी मस्जिद गिराने में उनकी भूमिका से जुड़ी एक पोस्ट लिखी. 3 दिन बाद सुबह के तकरीबन 3 बजे अलीम के घर पर पुलिस आई, तब वो दिल्ली में था.
हर रोज़ अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर महिलाओं को रेप की धमकियां मिलती हैं. विचारों के लिए लोगों को गालियां सुननी पड़ती है. कभी ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ़्तार होते नहीं देखा.