इन 5 कारणों से बिहार बोर्ड से पास हुए बच्चों को रिज़ल्ट के साथ-साथ बहादुरी सम्मान भी मिलना चाहिए

Kundan Kumar

जब परिक्षाएं ख़त्म हो जाती हैं, तब एक लंबी छुट्टी के बाद रिज़ल्ट का मौसम आता है. सब रिज़ल्ट के इंतज़ार में रहते हैं. जिसने परीक्षा दी है उसे अपनी फ़िक्र रहती है, जिसने नहीं दी, उसे अपने जानने वालों की चिंता. बचे हुए हम जैसे लोग ख़बरों के इंतज़ार में रहते हैं. देश में सिर्फ़ तीन बोर्ड ही ऐसे हैं, जिनके रिज़ल्ट्स खबरों का हिस्सा बनते हैं, CBSE, ICSE और बिहार बोर्ड.

इनमें से बिहार बोर्ड की ख़बरें ऐसी होती हैं, जो ज़्यादा दिनों तक सुर्खियां बटोरती हैं. रिज़ल्ट आने से पहले से लेकर रिज़्लट आने के महीनों बाद तक बिहार बोर्ड सबकी नज़र में रहता है. कारण कई हैं, ये बोर्ड कई मामलो में अनोखा है. ऐसे-ऐसे कारनामे (वैसे तो ‘कांड’ उपयुक्त शब्द होगा) होते हैं इस बोर्ड में, जो न कहीं पढ़े जाते हैं, न सुने जाते हैं. इस बोर्ड की ख़ासियत ये भी है कि यहां हर साल कुछ नया होता है.

स्टेट बोर्ड्स की सूची में अव्वल नंबर पर आने वाले इस बोर्ड की कुछ हाइलाइट्स रही हैं:

1. फ़ेल नहीं टॉप करने से डर लगता है

ये विश्व का अकेला ऐसा बोर्ड होगा, जहां छात्र टॉप नहीं करना चाहते हैं. कौन कमबख़्त टॉप करके जेल जाए. दो नंबर कम पाओ, घर पर चैन की रोटी खाओ. इधर टॉप किया, उधर मीडिया वाले सूंघते-सूंघते घर तक पहुंच जाएंगे. फिर कोई होशियार पत्रकार पर्चा पढ़ कर कुछ सवाल पूछ देगा, टॉपर टैं बोल जाएगा. फिर बैठेगी मीडिया की अदालत और टॉपर महाशय सलाखों के पीछे चले जाएंगे. एक किस्म का चलन बन गया है. पिछले तीन साल से बिहार बोर्ड के टॉपर किसी न किसी तरह के फ़र्जीवाड़े में लिप्त पाए गए हैं.

2. पास होने के लिए सिर्फ़ पढ़ने से काम नहीं चलेगा

अगर आपको लगता है कि बिहार बोर्ड का कोई छात्र सिर्फ़ पढ़ कर पास हो जाता है, तो इसका मतलब आप उसकी क्षमताओं को कमतर आंक रहे हैं. आप टीम वर्क में विश्वास नहीं करते. जहां एक ओर छात्र पढ़ाई में डूबा रहता है, वहीं दूसरी ओर उसके सगे-संबंधी लॉन्ग जंप, हाई जंप, गोला फेंक, दीवार चढ़ने की तैयारी में लगे रहते हैं. जब दो अलग किस्म की प्रतिभाएं आपस में मिलती हैं, तब जा कर बिहार बोर्ड का एक छात्र पास होता है.

3. 110 प्रतिशत नंबर की गैरेंटी

जो बातें देश के अन्य बोर्ड के लिए अतिशयोक्ति हैं, वो बिहार बोर्ड के लिए सामान्य बात है. अगर कोई कहता है वो गणित की परिक्षा में 100 में से 110 ला सकता है, तो यकीन मानिए वो ला सकता है. हां, उससे तरीके के बारे में जानने की कोशिश मत कीजिएगा क्योंकि आप भी किसी अपराध के गवाह नहीं बनना चाहेंगे.

4. ओलंपिक जीत कर भी आप नेशनल गेम में हार सकते हैं

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अगर आप बिहार से हैं और आपने बिहार बोर्ड से बाहरवीं की परीक्षा दी है और IIT क्रैक कर चुके हैं, तो मिठाई बांटने में थोड़ा वक़्त लीजिए. हो सकता है बारहवीं का रिज़ल्ट आपको चौंका दे. ऐसा कई बार हुआ है जब किसी छात्र का नाम IIT की कट ऑफ़ लिस्ट में आ गया हो, लेकिन बिहार बोर्ड के रिज़्लट ने उसे निराश कर दिया हो.

5. सिर्फ़ Exams काफ़ी नहीं है

जहां हर जगह छात्र परीक्षा देने के बाद अच्छे कॉलेज में एडमिशन पाने के मिशन पर लग जाता है. वहां बिहार बोर्ड के छात्र रिज़ल्ट आने के बाद आंदोलन की तैयारी में जुट जाते हैं. किस बात का आंदोलन? अरे भाई! 65 प्रतिशत बच्चे फ़ेल हो गए न, बहुतों के नंबर कम आए हैं. अब वो क्या करेंगे, हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहेंगे? सड़कों पर उतरेंगे, सरकारी संपत्ति को आग में झोंकेंगे, लाठियां खाएंगे.

अगर आपके किसी जानने वाले ने बिहार बोर्ड से पढ़ाई की है तो उसकी इज़्ज़्त कीजिए. उसको एहसास दिलाइये कि दोस्त तुमने वो किया है जो हम कभी सोच भी नहीं सकते.

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