न जाने कब अंग्रेज़ी Status Symbol बन गई और हिन्दी से लोग कतराने लग गए!

Pratyush

भारत, औपचारिक रूप से 23 भाषाएं बोलने वाला देश है. वो देश, जिसकी 45 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दी समझती और बोलती है. ये वो हिन्दी भाषी लोग हैं, जिन्हें चोट लगती है, तो इनके मुंह से ‘उई मां’ निकलता है, न कि ‘Oh Shit’! वो देश, जहां लोग पिटबुल से ज़्यादा हनी सिंह और बादशाह के गानों पर एक हो जाते हैं. गर्लफ़्रेंड को गुलज़ार के लिखे बोल अपने नाम से भेजते हैं, पर अफ़सोस ये वही लोग हैं, जो देसी प्रोडक्ट को इम्पोर्टेड टैग के साथ खरीदना अपना Status Symbol मानते हैं.

अंग्रेज़ी बन गई ‘Status Symbol’ और हिन्दी हो गई ‘Uncool’

ये जो लाइन मैंने लिखी है, ये मेरी सोच नहीं, Observation है. हमने अकसर देखा है कि लोग अंग्रेज़ी बोलने की कोशिश करते हैं, ये वो संवाद के लिए नहीं, बल्कि अपने आप का बेहतर दिखाने के लिए करते हैं. संवाद के रूप में आप किसी भी भाषा का इस्तेमाल करिए, लेकिन किसी भाषा को दूसरी पर हावी नहीं होने दीजिए. इसका कारण शायद अंग्रेज़ी के आगे, हिन्दी बोलने की शर्म है!

Static

क्या हम अंग्रेज़ी के आगे हिन्दी को कम समझते हैं?

भले ​ही लोग इसके जवाब में ‘नहीं’ लिखें, लेकिन उनके बर्ताव से ऐसा नहीं लगता. ये वो लोग हैं जो फेसबुक की Chat में अंग्रेज़ी का कत्ल कर देते हैं, पर हिन्दी नहीं लिखते. मॉल में कपड़े लेते वक्त, रेस्टोरेंट में, फ़िल्म की टिकट लेते वक्त टूटी-फ़ूटी अंग्रेज़ी बोल कर काम चलाते हैं. सिर्फ़ इतना ही नहीं, किसी को Impress करने की भाषा भी इन्होंने अंग्रेज़ी ही मान ली है. अगर आप गौर करें, तो इन सभी स्थितियों में या तो व्यक्ति अपनी पहली छाप किसी पर छोड़ रहा है या कई लोगों के बीच वो अपनी छाप छोड़ रहा है. इसका कारण कहीं न कहीं अंग्रेज़ी को हिन्दी से ज़्यादा बेहतर मानना ही है.

क्या अंग्रेज़ी की खुन्नस हिन्दी झेलती है?

कई लोगों ने अंग्रेज़ी न आने का दोष हिन्दी को दे दिया है. कुछ हासिल न कर पाने का इलज़ाम हिन्दी पर लगा दिया है. कई लोगों का मानना है ​कि उन्हें अंग्रेज़ी नहीं आती, इसलिए वो जीवन में कुछ नहीं कर सकते. जबकी ये महज आपकी सोच है. कोई भी भाषा आपको तरक्की नहीं दिला सकती, ये काम आपकी प्रतिभा, ज्ञान और अनुभव का है. भारत में ऐसे कई सेलेब्रिटी हैं, जिन्होंने अपना नाम हिन्दी के दम पर बनाया.

अंग्रेज़ी अगर ‘Cool’ है, तो हिन्दी ‘खूबसूरत’ है!

ये जो लाइन मैंने लिखी है, ये मेरी सोच है. इन दोनों विशेषणों की अपनी खूबी है. Cool चीज़ खूबसूरत हो सकती है और खूबसूरत चीज़ Cool हो सकती है. निर्भर करता है आप कैसे उसका इस्तेमाल कर रहे हैं. जनाब कभी Pizza, छोले-भटूरे की जगह नहीं ले सकता, न ही छोले भटूरे, Pizza की. दोनों का अपना स्वाद है, हां अगर भटूरे को Cool बनाने के लिए आप उसमें Cheese डालेंगे, तो स्वाद ज़रूर खराब हो सकता है. हिन्दी भी कुछ ऐसी ही है, इसकी जगह कोई नहीं ले सकता.

तो हिन्दी को Hello बोल कर कैसा लगा?

आपको ये भी पसंद आएगा
IPL फ़ाइनल के बाद लाइमलाइट में आईं रिवाबा जडेजा, सोशल मीडिया पर बनी चर्चा का केंद्र
कमला की मौत: 34 साल पहले आई वो फ़िल्म जिसने अपने समय से आगे बढ़कर उन मुद्दों पर बात की जो अनकहे थे
Mother’s Day पर कुछ एहसास, कुछ अनकही बातें और अनुभव एक मां की तरफ़ से सभी लोगों के लिए
Mothers Day 2023 : वो 10 चीज़ें, जिनके लिए मांओं को दुनिया से माफ़ी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है
बहन के पीरियड्स आने पर भाई ने कर दी हत्या, हैवानियत की इस कहानी में क्या समाज है ज़िम्मेदार?
आख़िर क्यों इस ट्विटर यूज़र की बहन की हाइट के बारे में उसके पिता ने बोला झूठ? हैरान कर देगी वजह