Chhath Pooja 2021: वो 5 दिक्क़तें जिनका सामना छठ पर्व पर लोगों को हर साल करना पड़ता है

Dhirendra Kumar

हर साल छठ आता है और जाता है. 1-2 सप्ताह के हर्षों-उल्लास के बाद सब सामान्य हो जाता है. मगर कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिसे हम साल नज़रअंदाज़ कर देते हैं.

हर साल इन चीज़ों के वज़ह से हम में से काफ़ी लोगों परेशानी और दुःख झेलना पड़ता है. लेकिन इसके बारे में शायद ही कोई बात होती है.  

इसलिए आज हम उन बातों को आपके सामने रख रहे हैं, जो छठ पर्व के दौरान हर साल हमारे दिमाग़ में आती हैं और बहुत सारा कष्ट देकर जाती हैं:

youthkiawaaz.com

1. लबालब भरी ट्रेन 

भारत के किसी भी हिस्से से अगर आपको छठ के समय पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार जाना है तो टिकट के लिए इतनी भाग-दौर, इतनी मारा-मारी करनी पड़ेगी की पूछिये मत. ट्रेन के रेज़र्वेशन के सारे टिकट महीनों पहले ही बुक हो जाते हैं. और क्या मज़ाल की तत्काल टिकट आपसे बुक जाए! भूल जाइये.     

Amar Ujala

इक्का-दुक्का फ़ेस्टिवल स्पेशल ट्रेन का अता-पता भी नहीं रहता है. कोई 10-12 घंटे लेट चलती है तो कोई – कोई 24 से 36 घंटे तक लेट जाती है. 

2. हवाई जहाज़ का हाल भी समान

छठ के समय हवाई जहाज़ की टिकट इतनी महंगी हो जाती है कि लगता है आपकी ज़ायदाद एयरलाइन वालों के पास गिरवी रखना पड़ेगा. ये हाल तब है जब सर्वसाधारण (आम लोग) फ्लाइट की टिकट का ख़र्च नहीं उठा सकता है, आम दिनों में.

Skytrax

ये भी पढ़ें: आपने अपने शहर में छठ देखा होगा, लेकिन कभी छठ में बिहार जाइए, लगावेलु लिपस्टिक भूल जाएंगे, छठ नहीं

3. काली पड़ चुकी यमुना में डुबकी 

दिल्ली में छठ पर्व मनाने वालों की कमी नहीं है. और छठ पूजा में नदी के घाट पर जाकर सूर्य भगवान को अर्क दिया जाता है. लेकिन हर साल वो फ़ोटो इंटरनेट पर लोगों का दिल तोड़ देती है जिसमें उपासक को यमुना के झाग भरे, काले पानी में उतर कर डुबकी लगानी पड़ती है. ऐसा लगता है यमुना को बस नाला मानकर छोड़ दिया है दिया है दिल्ली ने.

The Weather Channel
The Weather Channel

4. भेदभाव (कहीं थोड़ा, कहीं ज़्यादा)

कहने को तो ”हिंद देश के निवासी, सब जन एक हैं” मगर भेदभाव करने में हमें तनिक भी शर्म नहीं आती है. आए-दिन पूर्वांचल (बिहार, यूपी) के लोगों को भेदभाव झेलना पड़ता है, ख़ासकर उन्हें जो पलायन करके दूसरे राज्यों में मेहनत-मज़दूरी करने के लिए गए हैं.

The Week

कभी भाषा के नाम पर उन्हें महाराष्ट्र में दुत्कारा जाता है, तो कभी बाहरी कहकर कश्मीर में गोली मार दी जाती है. आप जगहों के नाम बदलते जाइये, कहानी वही रहती है.

ये भी पढ़ें: छठ की ये 7 बातें अब तक यूपी-बिहार वालों को ही पता थीं, आपके लिए ये जानकारियां एकदम Exclusive हैं

5. घाट पर बद-इतज़ामी 

शायद ही कोई साल ऐसा गुजरता है जब छठ पर कहीं कोई हादसा नहीं होता हो. हर साल कहीं कोई डूब जाता है, कहीं भगदड़ मच जाती है, तो कहीं कोई और दुर्घटना घट जाती है. घाट पर साफ़-सफ़ाई और  सुरक्षा इंतेज़ाम के सारे दावे धरे के धरे रह जाते हैं.  

dnaindia

तो इस बार जहां भी छठ मनाइये, कुछ बेहतर करने की कोशिश और उम्मीद के साथ पर्व मनाइये.

इन सब पर आप अपनी राय कमेंट सेक्शन में ज़रूर लिखे और दोस्तों को टैग भी कर सकते हैं.

आपको ये भी पसंद आएगा
यूपी में है एक अनोखा कॉलेज! जिसके चेयरमैन हैं ‘बजरंगबली हनुमान’, अपने केबिन में लेते हैं मीटिंग
बस ड्राइवर की बेटी उड़ाएगी एयरफ़ोर्स का जहाज, पाई ऑल इंडिया में दूसरी रैंक, पढ़िए सक्सेस स्टोरी
यूपी में राजघराने से आने वाली ये 4 महिला विधायक हैं खंजर, चाकू, राइफल, जैसे हथियारों की मालकिन
सरकारी स्कूल से पढ़े…माता-पिता हैं मजदूर, ऐसे किया बौद्धमणि ने गांव से ISRO तक का सफ़र पूरा
“मेरे बेटे को ख़रीद लो…” पढ़िए मजबूर पिता की कहानी, जो अपने मासूम बेटे को बेच रहा है
कौन हैं UP की सबसे अमीर महिला MLA पक्षालिका सिंह, जो हैं 132 हथियार और करोड़ों की संपत्ति की मालिक