Things Mothers Don’t Need To Feel Sorry : मई महीने के दूसरे हफ़्ते के रविवार को दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जाता है. उन मांओं को सम्मान देने के लिए जो अपने बच्चे ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीज़ का ध्यान रखतीं हैं. मदर्स डे के दिन सोशल मीडिया मां की ममता’ और ‘मां का प्यार और महानता के गुणगान करने वाले’ वाले पोस्टस से छा जाता है. इस साल मदर्स डे (Mothers Day 2023) 14 मई को मनाया जा रहा है. हालांकि, हमारे समाज में महिलाओं के मां बनने को उनके अस्तित्व से इस तरह जोड़ा गया है कि ख़ुद महिलाओं को भी उनके जीवन का परम सुख और लक्ष्य सिर्फ़ मां बनना ही लगने लगता है. बच्चे पैदा करने के लिए जब औरतें अपनी नौकरी या पढ़ाई छोड़ती हैं, तो पितृसत्ता इसे त्याग का नाम देकर औरतों को महान बना देती है. वहीं, इस पितृसत्तात्मक और होमोफ़ोबिक समाज के लिए ट्रांस महिलाएं, नॉन बाईनरी या एलजीबीटी समुदाय के लोग तो पैरंट्स हो ही नहीं सकते.
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लेकिन आपको बता दें कि मां बनने का मतलब ख़ुद की ज़रूरतों से कंप्रोमाइज़ करके अपने बच्चे के लिए पूरी ज़िंदगी न्योछावर कर देना बिल्कुल भी नहीं है. इस मदर्स डे हम आपको उन चीज़ों के बारे में बताएंगे, जिनके लिए किसी भी मां को सॉरी या गिल्टी फ़ील करने की कोई ज़रूरत नहीं है.
1- ख़ुद को समय देने के लिए
बच्चे को जन्म देने के बाद सोसायटी आपके ऊपर बेबी के साथ 24 घंटे समय बिताने का प्रेशर ख़ुद ब ख़ुद डालने लगती है. अगर आपको कभी अकेले ख़ुद के लिए टाइम चाहिए होता है, तो आसपास के लोग आपको ऐसा फ़ील करवाते हैं कि आप एक बुरी मां हैं. हालांकि, ये सच नहीं है. हमें ख़ुद के लिए टाइम देने की ज़रूरत है और ये समझ में आता है कि आपको रिचार्ज करने के लिए कुछ अकेले समय की आवश्यकता है.
2- अपने बेबी को कब और कैसे फ़ीड करने के लिए
किसी के पास ये बताने का अधिकार नहीं है कि आप बेबी को कैसे फ़ीड कराती हैं. इसलिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए, जो ये सोचता है कि वे जानते हैं कि आपके बच्चे को आपसे बेहतर क्या चाहिए. चाहे आप ब्रेस्टफ़ीड कराएं या इसके बजाय फ़ॉर्मूला लें, ये सिर्फ़ और सिर्फ़ आपकी चॉइस है. इसके साथ ही आपको पब्लिक में भी ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए ख़ुद को दोषी महसूस करने की ज़रूरत नहीं है. आपके बेबी को खाना चाहिए और अगर दूसरे लोगों को इससे अनकम्फर्टेबल महसूस हो रहा है, तो ये आपकी प्रॉब्लम नहीं है.
3- आपका घर मेसी है
यदि फर्श पर खिलौने पड़े हों, या रसोई में कुछ गंदे बर्तन हों, तो आप अचानक एक बुरे व्यक्ति या बुरी मां नहीं बन जातीं. घर की साफ़-सफ़ाई करना सभी की बेसिक ड्यूटी है और सिर्फ़ एक विशेष जेंडर रोल नहीं है. अगर आप एक सिंगल मदर हैं और आपके पास सब कुछ क्लीन करने के लिए टाइम या एनर्जी नहीं है, तो उसके लिए बिल्कुल भी ख़ुद को दोषी ना ठहराएं. वहीं, अगर आप मैरिड हैं या लिव इन रिलेशनशिप में हैं, तो बच्चे और घर की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ आपकी नहीं बल्कि आपके पार्टनर की भी है.
4- किसी से प्रेम करने के लिए
हमारे पितृसत्तात्मक समाज में अगर किसी मां बनी स्त्री को प्रेम हो जाता है, तो समाज उसे हेय दृष्टि या घृणा से देखने लगता है. अगर मां अपने जीवन में प्रेम कर रही है, तो फ़ैमिली के साथ ही बच्चे भी उसे एक्सेप्ट करने लिए राज़ी नहीं होते. लेकिन इसके लिए आपको सॉरी फ़ील करना नहीं चाहिए. मां बनने से आपका ख़ुद की ज़िंदगी पर से कंट्रोल नहीं ख़त्म हो जाता. ये आपकी ज़िन्दगी है और आप अपने फ़ैसले ख़ुद ले सकती हैं.
5- पोस्ट प्रेगनेंसी के बाद वेट बढ़ने के लिए
एक निश्चित तरीके से देखने के लिए आप किसी के लिए इसकी एहसानमंद नहीं हैं. चाहे आपके बाल बिखरे हों या आप पुराने कपड़े रिपीट करें- किसी को भी आपकी अपीयरेंस को लेकर कमेंट करने का कोई हक़ नहीं है. जन्म देने के तुरंत बाद आपको वेट लूज़ करने या अपनी बॉडी को पहले जैसी बनाने के लिए जल्दी करने की ज़रूरत नहीं है. अपनी बॉडी से और इस तथ्य से प्यार करें कि इसने आपके बच्चे को जन्म दिया है.
6- हमेशा ख़ुश ना रहने के लिए
अपने बच्चे की केयर करना कभी-कभी फ़िजिकली और इमोशनली थका देने वाला काम है और आपको हमेशा नहीं पता होता कि क्या करना है और आप हेल्पलेस भी महसूस करती हैं. मां बनना काफ़ी कठिन काम है और कभी ठीक ना फ़ील करना भी नॉर्मल है.
7- हेल्प मांगने के लिए
ऐसा लग सकता है कि जब आप पेरेंट हों, तो आपको पता होना चाहिए कि अपने बच्चों की देखभाल कैसे करनी है. यदि आप किसी से सलाह मांगते हैं या अपने बच्चे की देखभाल करने में मदद मांगते हैं. तो आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप पालन-पोषण में असफ़ल हो रहे हैं. लेकिन इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है, और इसका मतलब ये नहीं है कि आप कमज़ोर हैं. आप बस अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा चाहते हैं, और यही मायने रखता है.
8- बच्चा अडॉप्ट करने के लिए
भले ही हम कितने भी प्रोग्रेसिव हो रहे हैं, लेकिन हमारी सोच आज भी कई मामलों में बहुत पीछे है. ऐसी कई महिलाएं, ट्रांस महिलाएं, नॉन बाईनरी या एलजीबीटी समुदाय हैं, जो मां बनना चाहते हैं पर उन्हें बच्चा अडॉप्ट करने के लिए दोषी महसूस करवाया जाता है. जबकि इसके लिए सॉरी फ़ील करने की कोई ज़रूरत नहीं है.
9- वर्किंग मां होने के लिए
हमारी सोसायटी में लोग बच्चा पैदा होने के बाद वर्किंग मां से नौकरी छोड़ कर बच्चे पर सारा ध्यान केन्द्रित करने की उम्मीद रखते हैं. इसके चलते सोसायटी के प्रेशर में कई महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़नी भी पड़ती है. अगर आप एक मां हैं और आप प्रेग्नेंसी के कुछ दिनों बाद नौकरी पर जाना चाहती हैं तो ये पूरी तरह नॉर्मल है. बच्चा पैदा करने का मतलब अपने करियर से कंप्रोमाइज़ करना बिल्कुल भी नहीं है.
10- बच्चों के बिहेवियर के लिए ख़ुद को ज़िम्मेदार ठहराना
अगर बच्चों का बिहेवियर सोसायटी के मानदंडों के हिसाब से नहीं है या थोड़ा रूखा है तो अक्सर उसका दोष एक मां को दिया जाता है. जबकि आपको बता दें कि अपने बच्चों के बिहेवियर की ज़िम्मेदार आप बिल्कुल भी नहीं है. इसके लिए सॉरी फ़ील मत करें.