साइकिल से चलता है ये भारतीय अरबपति, अमेरिका की नौकरी छोड़ गांव में खड़ी की 39000 करोड़ की कंपनी

J P Gupta

Meet CEO With Rupees 39000 Crore Net Worth: भारत में कई लोग हैं जो विदेश में नौकरी करते थे, मगर बाद में वो स्वदेश लौटकर ख़ुद का बिज़नेस करने लगे. इनमें से कुछ सक्सेसफ़ुल हुए तो कुछ नहीं. पर जो सफल हुए वो ऐसे बिज़नेसमैन बने कि जिनकी दुनिया तारीफ़ ही नहीं लोहा भी मानती है.

लाखों रुपये की नौकरी छोड़ आए भारत

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ऐसे ही एक शख़्स की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. ये मिडिल क्लास इंडियन फ़ैमिली से ताल्लुक रखते हैं. ये अरबपति होने के बावजूद साइकिल से चलते हैं और गांव में रहते हैं. ये भी देश IIT की पढ़ाई कर विदेश गए थे और वहां लाखों रुपये वेतन वाली नौकरी भी की. मगर बाद में वतन लौटे और बिना किसी की मदद के 39 हज़ार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी की. 

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मिडिल क्लास फ़ैमिली से रखते हैं ताल्लुक

Business Today

आज इनकी गिनती देश के सक्सेसफ़ुल एंटरप्रेन्योर में होती है. कई नेशनल और इंटरनेशनल MNC इनकी क्लाइंट हैं. हम बात कर रहे हैं Zoho Corporation के मालिक श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) की. इनकी कंपनी कंपनी सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन सर्विस मुहैया कराती है. श्रीधर तमिलनाडु के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पढ़ने में बचपन से ही तेज़ थे.

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बिना किसी की हेल्प के खोली ख़ुद की कंपनी

Gulf News

1989 में इन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और पीएचडी के लिए अमेरिका चले गए. अमेरिका में उन्होंने पीएचडी करते हुए Qualcomm में नौकरी की. नौकरी करते समय उन्हें देश की याद सताती थी, वो देश के लिए कुछ करना चाहते थे. इसलिए वतन वापस लौट आए श्रीधर वेम्बू. यहां 1996 में बिना किसी की मदद के अपने भाई के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फ़र्म Adventnet की शुरुआत की. 

ग्रामीण लोगों की मदद के लिए खोला स्कूल और ऑफ़िस

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बिज़नेस चल पड़ा और ख़ूब मुनाफ़ा भी हुआ. फिर श्रीधर ने सोचा क्यों न ग्रामीण लोगों को भी इसे सीखाया जाए और उन्हें भी वहीं पर काम मुहैय्या करवाया जाए. इस मकसद से तमिलनाडु के ग्रामीण इलाके तेनकासी में अपनी कंपनी का हेड ऑफ़िस खोला. यहां लोगों को कंप्यूटर साइंस की नॉलेज देने के लिए एक स्कूल भी शुरू किया. पढ़ाना और काम जारी रखा. दोनों ही तरफ खूब तरक्की हो रही थी. उनके स्कूल से पढ़े बच्चे ही अब इनकी कंपनी ही नहीं दूसरी बड़ी कंपनियों में का पा रहे हैं.

साइकिल से चलते हैं

Business Today

श्रीधर आज भी ज़मीन से जुड़े हैं. ये आज भी साइकिल से चलना पसंद करते हैं. 2009 में इन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर ज़ोहो कॉर्पोरेशन कर दिया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनकी कंपनी का रेवेन्यू $1 बिलियन से अधिक यानी 39,000 करोड़ है. मगर आज भी ये एक आम आदमी की तरह ही जीना पसंद करते हैं.

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