Why Murthal Dhaba Does Not Sell Non-Veg Food: दिल्ली वालों का बेस्ट खाने का स्पॉट है ‘अमरीक सुखदेव (Amrik Sukhdev)’ ढाबा. जहां 24 घंटे लोगों का खाने के लिए ताता लगा रहता है. स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन और वहां की चाय भी बहुत फ़ेमस है. लेकिन जहां हर रेस्टोरेंट में वेज और नॉन-वेज दोनों का ऑप्शन होता है. वहां मुरथल ढाबा में सिर्फ़ शुद्ध शाकाहारी खाना मिलता है. जिसके पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कारण हैं. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको वो कारण बताते हैं.
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जानिए फ़ेमस मुरथल ढाबा नॉन-वेज खाना क्यों नहीं बेचते हैं (Why Murthal Dhaba Don’t Sell Non-Veg Food)-
Reason Why Murthal Dhaba Don’t Sell Non-Veg Food-
कहते हैं कि 1956 में मुरथल में सिर्फ़ दो ही ढाबा हुआ करते थे. वहां एक संत बाबा कालीनाथ ने सिर्फ़ और सिर्फ़ शाकाहारी खाना बेचने की सलाह दी थी. ढाबा में काम कर रहे लोगों ने भी बताया कि बाबा कालीनाथ ने कहा था कि अगर इस जगह किसी ने नॉन-वेज खाना बेचने की कोशिश की तो वो बर्बाद हो जाएगा. इसी के डर से वहां किसी ने नॉन-वेज खाना नहीं बेचा.
1956 में अमरीक सुखदेव के पिता प्रकाश सिंह ने खुद का ढाबा शुरू किया था. उस समय मलिकपुर गांव में बाबा कालीनाथ बहुत प्रसिद्ध थे. उनके चमत्कारों की चर्चा पूरे गांव में हुआ करती थी. बाबा ने एक दिन ढाबा के मालिक प्रकाश को बुलाया और सिर्फ़ शाकाहारी खाना बेचने की सलाह दी थी. इसी वजह से आज वहां बस वेज खाना मिलता है.
कहते हैं कि बाबा कालीनाथ 70s और 80s के दशक में कहीं गायब से हो गए थे. उनका अता-पता किसी के पास नहीं था. अमरीक सुखदेव तो नहीं, लेकिन उसके पास 1-2 ढाबों ने नॉन-वेज खाना बेचने की कोशिश की, लेकिन दोनों में से एक की दुकान महीने भर में बंद हो गई और दूसरा बूरी तरह से बर्बाद हो गया.
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