Desi Poem Compliments For Friends: दोस्त मने भाई, दोस्त मने जिगर का टुकड़ा, दोस्त मने वो जो आपके दुख-सुख, ग़म-ख़ुशी, उदासी-हंसी और हर तरह की लभेड़ पंती में साथ रहे. मगर अपने दोस्त को हम सिवाए गालियों के और कुछ नहीं देते. वैसे वो भी कौन सा हमें आप-जनाब कहता है. गरियाता तो वो भी हमें लपेट-लपेट कर ही है. (Funny Friends Shayari)

मगर कुछ भी यार तो अपना यार ही होता है. ऐसे में जिगर पर पत्थर रख कर ही सही, मगर अपने यार से प्यार का इज़हार तो करना बनता ही है.  हां, मगर अंदाज़ बिल्कुल देसी ही होना चाहिए. शायराना हो जाए फिर तो सोने पर सुहागा समझो. (Funny Poems On Friendship)

तो भाई अर्ज़ किया है…

Desi Poem Compliments For Friends

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