राष्ट्र के प्रति महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के अतुलनीय योगदान के चलते उन्हें भारतीय करेंसी नोट पर जगह दी गई है. आज हर मूल्य वर्ग के भारतीय बैंक नोट पर बापूजी की तस्वीर लगी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं गांधी जी की ये तस्वीर कहां की है और पहली बार बापूजी करेंसी नोटों पर कब आए थे?
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सन 1947 तक भारत में ब्रिटिश किंग जॉर्ज की तस्वीर वाले करेंसी नोट चलते थे. लेकिन आज़ादी के बाद देशवासी भारतीय करेंसी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर देखना चाहते थे. इस दौरान तत्कालीन सरकार को ये फ़ैसला लेने में थोड़ा वक्त चाहिए था. इस बीच सरकार ने भारतीय करेंसी से किंग जॉर्ज की तस्वीर को सारनाथ स्थित लॉयन कैपिटल से रिप्लेस कर दिया.
1987 में छपे थे गांधी जी की तस्वीर वाले करेंसी नोट
रिजर्व बैंक ने पहली बार सन 1969 में स्मरण के तौर पर गांधी जी की तस्वीर वाले 100 रुपये के नोट पेश किए थे. ये साल उनका जन्म शताब्दी वर्ष था और नोटों पर उनकी तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर भी थी. लेकिन गांधी जी की मौजूदा तस्वीर वाले करेंसी नोट पहली बार 1987 में छपे थे. गांधी जी के मुस्कराते चेहरे वाली इस तस्वीर के साथ सबसे पहले 500 रुपये का नोट अक्टूबर 1987 में पेश किया गया. इसके बाद गांधी जी की ये तस्वीर अन्य करेंसी नोटों पर भी इस्तेमाल होने लगी.
1996 में छपे महात्मा गांधी सीरीज़ के नोट
भारतीय रिज़र्व बैंक ने साल 1996 में एडिशनल फ़ीचर्स के साथ पहली बार महात्मा गांधी सीरीज़ के नोट जारी किये थे. इन फ़ीचर्स में बदला हुआ वाटरमार्क, विंडोड सिक्योरिटी थ्रेड, लेटेंट इमेज और विजुअल हैंडीकैप्ड लोगों के लिये इंटेग्लियो फ़ीचर्स भी शामिल थे. 1996 से पहले 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर को वाटरमार्क के रुप में इस्तेमाल किया जाता था.
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सन 1996 में पहली बार महात्मा गांधी की तस्वीर वाले जो नोट चलन में आए वो 5, 10, 20, 100, 500 और 1000 रुपये के नोट थे. इस दौरान अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर और अशोक स्तंभ की फ़ोटो, नोट के बायीं तरफ़ निचले हिस्से पर प्रिंट कर दी गई. तब से लेकर अब तक गांधीजी की तस्वीर भारतीय नोटों पर दिखाई देती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है गांधी जी की जो तस्वीर हमें नोट पर दिखाई देती है वो कहां से ली गयी थी?
कहां से आई गांधी जी की ये तस्वीर?
महात्मा गांधी की ये तस्वीर पूर्व वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) में 1946 में खींची गई थी. गांधी जी म्यांमार (तब बर्मा) और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडेरिक पेथिक लॉरेंस से मुलाक़ात के लिए पहुंचे थे. वहीं ली गई गांधी जी की तस्वीर को पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया गया. हालांकि, ये तस्वीर किस फ़ोटोग्राफ़र ने खींची थी इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं हैं.
गांधी जी की तस्वीर से पहले भारतीय नोटों की डिज़ाइन और इमेज अगल-अलग होती थीं. सन 1949 में तत्कालीन सरकार ने ‘अशोक स्तंभ’ की डिज़ाइन वाला 1 रुपये का नोट पेश किया था. सन 1953 से हिंदी को नोटों पर उल्लिखित करना शुरू किया गया. संन 1954 में 1000, 5000 और 10000 के नोटों को रिइंट्रोड्यूस किया गया. इस दौरान 1000 रुपये के नोट पर ‘तंजोर मंदिर’ की डिज़ाइन थी, 5000 रुपये के नोट पर ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ जबकि 10000 के नोट पर ‘लॉयन कैपिटल’ और ‘अशोक स्तंभ’ छपे होते थे. हालांकि, सन 1978 में इन नोटों को बंद कर दिया गया.
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