दुनिया के हर देश का एक इतिहास है. इतिहास में कई देश ऐसे थे जो सदियों तक गुलामों वाली ज़िंदगी जी रहे थे. कुछ देशों पर ज़बरन कब्ज़ा भी जमा लिया था. हांलाकि, एक देश ऐसा भी है जिस पर कई लोगों ने कब्ज़ा ज़माने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाये. इस देश का नाम है अफ़गानिस्‍तान. अफ़गानिस्तान को साम्राज्‍यों की कब्रिस्‍तान भी कहा जाता है. दरअसल, 1990 से लेकर अब तक यहां हर दिन ऐसी घटनाएं घटित होती रहती हैं, जिसकी वजह से इस Graveyard of Empires कहा जाने लगा.

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क्यों आज तक यहां कोई अपना कब्ज़ा नहीं जमा पाया 

अफ़गानिस्तान की गिनती उन देशों में होती है, जो सदियों से कई युद्धों का गवाह बना हुआ है. जानकारों को मानना है कि आप कितने ही ताक़तवर क्यों न हो, लेकिन इस देश न चाहते हुए भी शासन नहीं चला सकते. इतिहास में कई सल्‍तनतों के बादशाहों ने इस देश पर अपनी हुकू़मत चलाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वो सफ़ल नहीं हो पाये.  

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कई बार लोग युद्ध के मैदान में जीत भी जायें, तो अंत में हारकर उन्हें बाहर जाना पड़ता था. सोवियत संघ, ब्रिटिश शासन से लेकर अमेरिका तक ने यहां से भागने में भलाई समझी है. अफ़गानिस्तान में लोग स्थानीय शासन की मदद से अपना कारोबार कर सकते हैं, लेकिन विदेशियों हाथ मिलाना क़बूल नहीं है.  

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क्या कारण है जो आज तक यहां किसी का शासन नहीं चला 

अफ़गानिस्तान में किसी भी बाहरी शासक का शासन चलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. इसकी एक नहीं बहुत सी वजहें हैं. दरअसल, अफ़गानिस्तान मध्‍य एशिया, ईरान और भारत के बीच मुख्‍य ज़मीनी रास्ते पर बना हुआ है. यहां कई बार हमला भी हो चुका है. इसी कारण यहां एक नहीं, बल्कि कई जनजातियों का निवास है.  

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हमले की वजह से इस देश के घरों और गांव को किले में निर्मित कर दिया गया. इसके साथ अफ़गानिस्तान की भौगोलिक परिस्थितियां भी ऐसी नहीं हैं कि वहां रहा जा सके. कई रिपोर्टों में ये कहा जा चुका है कि अफ़गानिस्तान पर किसी का भी हुक़ूमत करना मुश्किल है.