Sri Gilharaj Maharaj Temple: भगवान श्रीराम भक्त हनुमान जी के भारत में हज़ारों मंदिर हैं. बहुत से मंदिरों की अपनी आस्था और मान्यताएं हैं. करोड़ों लोग बजरंगबली (Bajrangbali) के भक्त हैं. जब भी हनुमान जी का ख़्याल आता है तो मन में वानर रूप की तस्वीर ही उभरती हैं. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां बजरंगबली की गिलहरी रूप में पूजा की जाती है (Hanuman Ji Worshipped As Squirrel). ‘गिलहराज महाराज’ नाम का ये मंदिर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में है. (Famous Hanuman Temple)
आइए जानते हैं कि क्या है इस मंदिर का इतिहास और क्यों यहां गिलहरी रुप में पूजे जाते हैं हनुमान जी- (Hanuman Ji Unique Temple)
Hanuman Ji Worshipped As Squirrel
महाभारत काल से जुड़ी है आस्था
अलीगढ़ में अचल सरोवर के किनारे हनुमान जी का ‘श्री गिलहराज महाराज मंदिर’ है. बजरंगबली यहां पर गिलहरी के रूप में पूजे जाते हैं. यहां आसपास करीब 50 से ज़्यादा मंदिर हैं, लेकिन गिलहराज मंदिर सबसे ज़्यादा फ़ेमस है.
कहते हैं कि श्री गिलहराज जी महाराज के इस प्रतीक की खोज सबसे पहले एक सिद्ध संत और पवित्र धनुर्धर ‘श्री महेंद्रनाथ योगी जी महाराज’ ने की थी. माना जाता है कि हनुमान जी ने उन्हें सपने में दर्शन दिए थे. वो अकेले थे जिन्हें पता था कि भगवान श्री कृष्ण के भाई दाऊजी महाराज ने पहली बार हनुमान को गिलहरी के रूप में पूजा था.
मंदिर के महंत के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण नाथ संप्रदाय के एक महंत ने करवाया था. कहते हैं कि हनुमान जी ने उन्हें सपने में बताया कि वो अचल ताल पर निवास करते हैं. महंत ने जब उस जगह पर जाकर खोजा तो उन्हें वहां मिट्टी के ढेर पर बहुत गिलहरियां मिलीं. उन्हें हटा कर जब उस जगह को खोदा तो वहां से मूर्ति निकली. ये मूर्ति गिलहरी के रूप में हनुमान जी की थी.
बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया. मंदिर कितना प्राचीन है, इस बारे में किसी को ज़्यादा जानकारी नही हैं. मगर इसकी प्राचीनता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण के भाई दाऊ जी ने यहां अचल ताल पर पूजा की थी.
बड़ीं संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं लोग
दुनिया में ये एकलौता ऐसा मंदिर हैं, जहां हनुमान जी का गिलहरी रूप में पूजा जाता है. ऐसे में मंदिर से भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी है. कहते हैं कि यहां 41 दिन लगातार दर्शन और पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. हर मनोकामना पूरी होती है. साथ ही, ग्रहों के प्रकोप से भी मुक्ति मिलती है. खासतौर पर शनि ग्रह के प्रकोप से. यही वजह है कि यहां बड़ी तादाद में लोग दर्शन करने पहुंंचते हैं.
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