हर शहर, हर जगह और हर इमारत का अपना एक इतिहास होता है, उसके बनने और बसने के पीछे एक वजह होती है, जो वजह उसे एक नाम और एक पहचान दिलाती है. ऐसा ही एक शहर है गुजरात का अहमदाबाद, जो साबरमती नदी के तट पर मुंबई के उत्तर में स्थित है. देश का इकलौता ऐसा शहर है. ये देश का इकलौता शहर है जिसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के तौर पर शामिल किया है.

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अब जानते हैं कि इस विश्व धरोहर का नाम अहमदाबाद कैसे पड़ा?

दरअसल, 11वीं सदी में अहमदाबाद के आसपास का इलाक़ा बसना शुरू हो गया था, तो शुरूआती दौर में इसे ‘अशवाल’ कहा जाता था. फिर इसके बाद जब 1411 में सुलतान अहमद शाह ने इसकी नींव रखी तो उनके नाम पर इस शहर का नाम अहमदाबाद रख दिया गया.

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हालांकि, चालुक्‍य शासक कर्ण ने अशवाल के भील शासक को युद्ध में हराकर साबरमती नदी के किनारे कर्णावती शहर को बसाया था. इसलिए 600 साल पहले अहमदाबाद को कर्णावती के नाम से भी जाना जाता था. राजाओं के शासन का इतिहास समेटे भारत का मैन्चेस्टर यानि अहमदाबाद समृद्ध और ख़ूबसूरत शहर है. इसी के चलते इसे वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया.

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गुजरात में  कैलिको टेक्सटाइल म्यूज़ियम, गांधी मेमोरियल म्यूज़ियम और 50 संग्रहालय हैं, जिनमें से 22 संग्रहालय अहमदाबाद में हैं. कई ऐतिहासिक स्मारकों वाले अहमदाबाद का आर्किटेक्चर इस्लाम और हिन्दू विरासतों का मिश्रण है. 15वीं शताब्दी का भद्र क़िला और झूलता मीनार का आर्किटेक्चर ये बताता है कि इस शहर में बहुत सी संस्कृतियों का प्रभाव रहा है. इसके आलावा आपको अडलज बावड़ी में का एलिसब्रिज और मंगलदास गिरधरदास टाउन हॉल ब्रिटिश आर्किटेक्चर पर बना है.
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आपको बता दें, फ़ैज़ाबाद-इलाहाबाद के बाद अब अहमदाबाद शहर का नाम भी नाम बदलने की लिस्ट में जुड़ गया है. इस पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं. इस शहर का नाम बदलकर ‘कर्णावती’ हो सकता है.