Karwa Chauth 2022: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस बार 13 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा.
उत्तर भारत में ये बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. विवाहित महिलाएं इस दिन बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखती हैं. शाम को चांद देखने के बाद अपने पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं.
करवा चौथ (Karwa Chauth) के दौरान महिलाएं बहुत सारी परंपराएं निभाती हैं. हर राज्य में ये अलग-अलग होती हैं. चलिए आज आपको इस त्यौहार से जुड़ी कुछ परंपराओं के बारे में बता देते हैं…
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1. आलता और मेहंदी लगाना
त्योहार से एक दिन पहले विवाहित महिलाएं हाथों में मेहंदी और पैर में आलता या महावर लगाती हैं. इसे शगुन माना जाता है. इसलिए सभी महिलाएं इस रिवाज को निभाती हैं.
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2. सरगी (Sargi)
सरगी एक रस्म है जिसे एक दिन पहले सास अपनी बहू के लिए करती है. इसमें खाने-पीने का सामान होता है जैसे मठरी, मेवे, फल आदि. इसे परिवार की बहू सुबह सूर्योदय होने से पहले स्नान कर खाती है. राजस्थान और गुजरात में अधिकतर ये परंपरा मनाई जाती है. वैसे अब इसका चलन अधिकतर घरों में होने लगा है.
3. बाया (Baya)
ये सामान होता है जो लड़की के मायके से उसके ससुराल आता है. अमूमन इसे लड़की का भाई या फिर उसके पिता लेकर आते हैं. इसमें व्रत रखने का सामान होता है, जैसे मिठाई, बर्तन, कपड़े, मेवे आदि. इसे करवा चौथ के व्रत के कुछ दिन पहले ही बेटी के ससुराल पहुंचाया जाता है.
Karwa Chauth
4. पोइया (Poiya)
ये एक उपहार होता है जो बहू अपनी सास को देती है. करवा चौथ की ये एक महत्वपूर्ण रस्म है. इसमें सुहाग का सामान, ज्वेलरी, कपड़े आदि दिए जाते हैं. इस रस्म को पंजाब में अधिकतर मनाया जाता है. पूजा के बाद ही ये सामान बहू अपनी सास को देती है.
5. करवा चौथ कथा और पूजा
सारा दिन व्रत रखने के बाद महिलाएं रात में चांद निकलने से पहले पूजा करती हैं और करवा चौथ से जुड़ी कथा सुनती हैं. वो इस दौरान माता पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना भी करती हैं.
6. चांद देखकर व्रत खोलना
पूजा करने के बाद महिलाएं छलनी से चांद को देखती हैं. इसके बाद उसी छलनी से अपने पति को देखती हैं. इसके बाद वो पति के हाथ से पानी पीने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. यूपी, मध्य प्रदेश में इसी तरह व्रत खोला जाता है.
7. व्रत पूर्णिमा
राजस्थान में इस त्योहार को व्रत पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपनी शादी का जोड़ा पहन व्रत रखती हैं. वो मिट्टी के करवे में गेहूं और चावल भरकर करवा चौथ की मनाती हैं.
करवा चौथ की ये परंपराएं सैकड़ों सालों से निभाई जा रही हैं.