इंडियन आर्मी(Indian Army) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मिल्ट्री फ़ोर्स है. इसमें स्थल सेना, वायु सेना और जल सेना शामिल है. मगर इन तीनों के अलावा भी कुछ फ़ोर्सेस हैं जो इंडियन आर्मी का हिस्सा हैं और समय-समय पर देश के नागरिकों की सेफ़्टी के लिए जी-जान लगाती दिखाई दे जाती हैं.
इन्हें आपने किसी भी प्राकृतिक आपदा और आतंकी हमले के दौरान एक्शन में आते देखा होगा. इनके कमांडो को ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किसी भी परिस्थिति का आसानी से सामना कर ले. भारत की इन स्पेशल फ़ोर्सेस(Special Forces) की गिनती वर्ल्ड की बेस्ट फ़ोर्सेस में होती है.
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1. कोबरा कमांडो
COBRA का पूरा नाम है Commando Battalion For Resolute Action. ये CRPF(Central Reserve Police Force) की एक स्पेशल यूनिट है. ये गुरिल्ला युद्ध और जंगलों के ख़तरनाक वातावरण में सर्वाइव करने के लिए जानी जाती है. इसका निर्माण नक्सलियों से निपटने के लिए किया गया था. इनसे ट्रेनिंग लेने दूसरे देशों की सेना के जवान भी आते हैं.
2. फ़ोर्स वन
मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने Force One का गठन किया था. इसका मकसद मुंबई को हर संभावित ख़तरे से उसकी रक्षा करना है. इसमें राज्य के शीर्ष राजनैतिक हस्तियों की रक्षा का दायित्व भी शामिल है. इसके जवानों को Israeli Special Forces के अधिकारियों ने ट्रेन किया है. ये 15 मिनट में किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हो सकती है.
3. स्पेशल फ़्रंटियर फ़ोर्स
ये एक पैरामिलिट्री स्पेशल फ़ोर्स है जिसका गठन 1962(भारत-चीन युद्ध) में हुआ था. Special Frontier Force विशेष टोही अभियान, सीधी कार्रवाई, बंधकों का बचाव, आतंकवाद का मुकाबला, अपरंपरागत युद्ध और गुप्त अभियानों में माहिर है. ये RAW के साथ तालमेल बैठाकर अपने अभियानों को अंजाम देती है.
भारतीय सेना
4. गरुड़ कमांडो फ़ोर्स
Garud Commando Force भारतीय वायु सेना की एक इकाई है. एक गरुड़ कमांडो बनने के लिए 3 साल की कड़ी ट्रेनिंग करनी पड़ती है. अगर इंडियन एयरफ़ोर्स के किसी बेस पर आतंकी हमला होता है तो ये टीम तुरंत रिसपॉन्स करती है. ये हवा में लड़ने और कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू मिशन करने में माहिर होते हैं.
5. घातक फ़ोर्स
ये एक विशेष पैदल सेना है जो भारतीय सेना की टुकड़ियों के आगे चलती और दुश्मन पर घातक हमला कर उन्हें चौंकाने के लिए जानी जाती है. Ghatak Force दुश्मन के तोपखाने की स्थिति, हवाई क्षेत्र, आपूर्ति डंप और सामरिक मुख्यालय पर छापे मारने में माहिर हैं. इन्हें एडवांस हथियार और पहाड़ों पर लड़ने की ट्रेनिंग भी दी जाती है.
6. नेशनल सिक्योरिटी गार्ड
National Security Guard(NSG) को Black Cats भी कहा जाता है. इनकी स्थापना 1986 में हुई थी. इसमें भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों दोनों के कमांडो होते हैं. ये आतंकवाद विरोधी गतिविधियों को हल करने के लिए जाने जाते हैं. इन्हें वीआईपी लोगों की सुरक्षा में भी तैनात किया जाता है. इसकी चयन प्रक्रिया बहुत कठिन होती है. इसमें चुने जाने वाले 70-80 फ़ीसदी कैंडिडेट इसकी ट्रेनिंग अधूरी छोड़ देते हैं.
7. मरीन कमांडो
इन्हें MARCOS भी कहा जाता है. ये इंडियन नेवी की सबसे घातक स्पेशल फ़ोर्स है. इसके कमांडो समुद्री युद्ध में विशेषज्ञ होते हैं. इनकी ट्रेनिंग भी बहुत कठिन होती है. बताया जाता है कि इसकी ट्रेनिंग के 3 दिन में ही 80 फ़ीसदी कैंडिडेट ट्रेनिंग छोड़ जाते हैं. बाकी जो बचते हैं उन्हें 5 सप्ताह की ‘Hell’s Week’ की ख़तरनाक ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. ये लेटे हुए, बैठकर, दौड़ते हुए और शीशे में देखकर भी गोली चलाने में माहिर होते हैं. इनका रिस्पॉन्स टाइम 0.27 सेकेंड होता है.
8. पैरा कमांडो
Para Commando भारतीय सेना की सबसे उत्कृष्ठ स्पेशल फ़ोर्सेस में से एक है. इसमें शारीरिक रूप से फ़िट, मानसिक रूप से मज़बूत, बुद्धिमान और देश के लिए कुछ भी कर गुज़रने वाले कैंडिडेट्स को ही सेलेक्ट किया जाता है. इन्होंने 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को भी इन्होंने अंज़ाम दिया था.
इंडियन आर्मी की इन निर्भय कमांडो फ़ोर्सेस के बारे में जानते थे आप?