Uttar Pradesh Festivals: उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य ही नहीं, बल्कि संस्कृति, समृद्धि, परंपरा और स्वादिष्ट खानों का मिश्रण भी है. उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा राज्य है, जिसके चलते यहां पर कई संस्कृतियों और धर्मों को एक साथ देखने का मौक़ा मिलता है. जब धर्म कई हैं तो त्यौहार भी कई और उनके व्यंजन भी कई हैं. इन त्यौहारों की ख़ास बात ये है कि ज़िंदगी के रंगों के साथ ख़ुशियां भी लाते हैं. इसके अलावा, हर त्यौहार (Uttar Pradesh Festivals) कुछ-न-कुछ ख़ास बनता है तो इसलिए ये भी ये त्यौहार ख़ास होते हैं.

मकर संक्रांति से लेकर गंगा दशहरा तक उत्तर प्रदेश में कई और त्यौहार (List Of Uttar Pradesh Festivals) मनाए जाते हैं, जिनकी धूम दू-दूर तक मचती है. तो चलिए उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे त्यौहारों के बारे में जानते हैं क्योंकि हर त्यौहार कोई न कोई कहानी ज़रूर कहता है.

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List Of Uttar Pradesh Festivals

1. महा कुंभ मेला (Maha Kumbh Mela)

महाकुंभ मेले में भक्तों-श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं सैलाब उमड़ती है. परंपरा के अनुसार, गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए लोग काफ़ी संख्या में आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां स्नान मात्र से भक्तों को अपने पापों से छुटकारा मिल जाता है. महाकुंभ मेला यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत आता है. ये पवित्र सभा सबसे पहले एक महान दार्शनिक शंकराचार्य द्वारा की गई थी.

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2. महा शिवरात्रि (Maha Shivratri)

भगवान शिव को समर्पित इस रात मेंमहादेव की पूजा-अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि, वाराणसी भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थान है और यहां पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर में महत्व रखता है. महा शिवरात्रि के दिन यहां पर भगवना शिव की पूजा-अर्चना पूरी विधि विधान से की जाती है. शिवरात्रि को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं जैसे कि भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की रात है, भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले ज़हर का सेवन किया था इसलिए शिवरात्रि मनाते हैं या फिर ये कि इस रात भगवना शिव ने जन्म लिया था.

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3. ताज महोत्सव (Taj Mahotsav)

ताज महोत्सव का आयोजन सरकार द्वारा होता है और इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है. निस्संदेह, ये राज्य के सबसे अधिक राजस्व का सोर्स है. इस त्यौहार को फरवरी और मार्च के महीने में मनाया जाता है. इस प्रसिद्ध त्यौहार का नाम भारत के गौरव ताजमहल के नाम पर रखा गया है यहां पर दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं.

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4. दुर्गोत्सव (Durgotsav)

दुर्गोत्सव उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, जो अक्टूबर और नवंबर के महीनों में मनाया जाता है. इस त्यौहार के दौरान तीन देवियों देवी सरस्वती शिक्षा और ज्ञान की देवी हैं, देवी दुर्गा वीरता और साहस की देवी हैं और देवी लक्ष्मी धन की देवी की पूजा-अर्चना की जाती है.

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5. लठ मार होली (Lath Maar Holi)

बरसाना की लठ मार होली मथुरा-वृंदावन में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जानी जाती है. इस अवसर पर नंदगांव के युवक भगवान कृष्ण की तरह बरसाना गांव में आते हैं फिर बरसाना की लड़कियां इन युवकों के पीछे लठ लेकर पड़ जाती हैं. लठ मार होली भगवान कृष्ण के बचपन की याद दिलाती है.

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6. जन्माष्टमी (Janmashtami)

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान कृष्ण के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. इसी दिन रात में बारिश और तूफान के बीच देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया था. इसीलिए जन्माष्टमी के दिन पूरे धूम-धाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर पुजारी भगवान कृष्ण को एक सुंदर कपड़े और ढेर सारे आभूषण पहनाते हैं. साथ ही, प्रसाद के तौर पर मेवा पाग, पंचामृत और पंजरी बनाई जाती है.

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7. आयुध पूजा (Ayudha Pooja)

आयुध पूजा का त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है, जिसे भव्य तरीके से मनाया जाता है. आयुध का मतलब होता है वो औज़ार जिसका इस्तेमाल रोज़ी-रोटी कमाने के लिए किया जाता है. इसलिए इस दिन भगवान राम के साथ-साथ उस औज़ार की भी पूजा अर्चना की जाती है.

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8. मकर संक्रांति (Makar Sankranti)

मकर संक्रांति, नया साल शुरू होते ही जनवरी में मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश में इस दिन जमकर पतंगें उड़ती हैं. लोग खिचड़ी, दही बड़ा, पापड़ खाते हैं. इसके अलावा मीठे में, लइया के लड्डू, रामदाने के लड्डू और तिल के लड्डू के साथ-साथ कई तरह के लड्डू खाते हैं. इस दिन भगवान सूर्य की भी पूजा की जाती है.

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9. गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)

हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, गंगा नदी का हम हिंदुऔं के लिए बहुत ख़ास महत्व है. इन्हें देवी के रूप में पूजते हैं. भगवान शिव के मस्तक से निकल कर गंगा धरती में समाहित हो गईं. इन्हें भगवान शिव की पत्नियों में से एक पत्नी माना जाता है. वैसे तो गंगा घाट पर रोज़ ही कुछ न कुछ पूजन होता रहता है, लेकिन गंगा दशहरा जून के महीने में 10 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है.

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10. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार  भगवान गौतम बुद्ध को समर्पित है. गौतम बुद्ध धार्मिक व्यक्तितवों में से एक हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी. बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध के विचारों का अपने जीवन में अनुसरण करने का प्रयास करते हैं. गौतम बुद्ध के विचार जीवन को सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं.

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उत्तर प्रदेश में त्यौहारों (List Of Uttar Pradesh Festivals) की धूम घर-घर में मचती हैं यहां पर हर त्यौहार साथ में मनाया जाता है.