Why Shri Not Used In Lord Shiva Name: जब भी आप शिव भक्तों को सुनते होंगे तो ‘हर हर महादेव’ का जयकारा हमेशा सुनाई देता होगा. साथ ही, आपने गौर किया होगा कि जिस तरह भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के नाम के आगे ‘श्री’ लगता है, वैसे ही भगवान शंकर के नाम के आगे नहीं लगता. ऐसा क्यों है और ‘हर हर महादेव’ जयकारे का अर्थ क्या है, आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देंगे. (Har Har Mahadev Meaning)

भोलेनाथ

क्यों नहीं लगता भगवान शिव के नाम के आगे ‘श्री’?

सनातन धर्म में मां लक्ष्मी का ही एक नाम है ‘श्री’ है. विष्णु भगवान के साथ में लक्ष्मी मां की पूजा होती है. इसलिए भगवान विष्णु के आगे श्री लगाने से मां लक्ष्मी की भी उपस्थिति हो जाती है. श्री राम तथा श्री कृष्ण भी भगवान विष्णु के ही अवतार कहे जाते हैं. साथ ही, जब भी भगवान विष्णु ने अवतार लिया है, उनके साथ मां लक्ष्मी भी अवतरित हुई हैं जिस प्रकार सीता और राम, रुक्मणि और श्याम.

भोलेनाथ

ऐसे में भगवान विष्णु या उनके किसी अवतार के आगे श्री का उपयोग करने का अर्थ होता है दोनों को एक मानकर उनकी आराधना या स्मरण करना. बस इसीलिए श्रीकृष्ण और श्रीराम के नामों के आगे श्री का इस्तेमाल होता है और भगवान शंकर के नाम में नहीं. जब शिवजी के साथ मां पार्वती का नाम लेना होता है तो अर्धनारेश्वर स्वरूप या गौरीशंकर का उच्चारण करते हैं, ताकि एकसाथ आराधना और स्मरण किया जा सके.

तो फिर गणेश जी के नाम के आगे श्री क्यों लगता है?

बहुत से लोगों के मन में ये सवाल भी आ रहा होगा कि फिर गणेश जी के नाम के आगे श्री क्यों लगाते हैं? तो बता दें, मां लक्ष्मी ने गणेश जी को गोद लिया था. यानि गणेश जी मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र थे. दरअसल, पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता लक्ष्मी का कोई भी पुत्र न होने पर उन्हें दुखी होता देख माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को उनकी गोद में बैठा दिया. तभी से भगवान गणेश माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र कहे जाने लगे.

भोलेनाथ

माता लक्ष्मी दत्तक पुत्र के रूप में श्रीगणेश को पाकर बहुत खुश हुईं. माता लक्ष्मी ने गणेश जी को वरदान दिया कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा, लक्ष्मी उसके पास कभी नहीं रहेगी. इसलिए दिवाली पूजन में भी माता लक्ष्मी के साथ दत्तक पुत्र के रूप में भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इसलिए जब बोलते हैं श्रीगणेश तो गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी का भी स्मरण हो जाता है.

‘हर हर महादेव’ का क्यों किया जाता है उद्दघोष?

हर हर महादेव में ‘हर’ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है ‘हरना’. यानि जो सभी दुखों और कष्टों को हरता हो. और महादेव चूंकि सभी देवों से ऊपर है. इसलिए वो महादेव कहलाते हैं. और जो उनका अवतार लेता है, वो महावीर. जैसे कि हनुमान जी. आपने गौर किया होगा कि श्रीराम को भी रघुवीर कहते हैं. क्योंकि, महावीर सिर्फ़ महादेव और उनके अवतार ही हैं.

भोलेनाथ

इसलिए जब हम हर हर महादेव’ कहते हैं तो भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं कि महादेव हमारे सभी दुखों, कष्टों और पापों वगैरह को हर लीजिए.

ये भी पढ़ें: लाखामंडल शिवलिंग: भगवान शिव का अनोखा मंदिर जहां जल चढ़ाने से मिलती है पापों से मुक्ति