एशियन गेम्स में इंडिया ने इस बार कुल 69 मेडल जीते हैं. इनमें से एक मेडल जीता है Sepaktakra एथलीट हरीश ने. ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाला ये खिलाड़ी घर वापस आ गया है और अब चाय की दुकान पर काम कर रहा है. वही चाय की दुकान जो उसके घर की रोज़ी रोटी है. वही चाय की दुनिया जिससे उसके घर में सभी लोग खाना खा पाते हैं.

HT के अनुसार, हरीश किसी गांव से नहीं, बल्कि दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं. मजनू के टीले के पास उनकी चाय की दुकान है. वापस आने के बाद हरीश बताते हैं कि जब तक सरकार जॉब नहीं दे देती उनके पास सिर्फ़ यही ऑप्शन है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकार राज्य सरकार के अधीन सरकारी जॉब देती है.

Harish Kumar, member of Indian Sepak Takraw team that won bronze medal at the Asian Games 2018, sells tea at his father's shop to support his family
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वो बताते हैं कि 2 बजे से 6 बजे तक का समय वो सिर्फ़ प्रैक्टिस के लिए रखते हैं और बाकी टाइम पापा के साथ चाय की दुकान में काम करते हैं. हरीश का मानना है कि आज वो जो कुछ हैं, सिर्फ़ अपने कोच हेमराज की वजह से हैं. उन्होंने ही साल 2011 में मुझे इस खेल के लिए अप्रोच किया था. उन्होंने ही मुझे 'स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया' से मिलाया. जिसके बाद मुझे हर महीने कुछ फ़ंड और प्रैक्टिस करने के लिए सामान मिलने लगा. मैं हर दिन प्रैक्टिस करता था क्योंकि मुझे देश के लिए मेडल जीतना था.
वहीं हरीश की मां सरकार का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करती हैं कि प्रैक्टिस के समय सरकार ने उन्हें खाना और छत दी. वहीं हरीश के भाई धवन भी 'स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया' का धन्यवाद करते हैं. साथ में ये भी उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हरीश को सरकारी जॉब मिल जाए ताकि उनके घर का पालन-पोषण अच्छे से हो सके.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली दिल्ली की दिव्या ने भी ख़िलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाए थे.