‘मां’
ये शब्द अपने आप में ही सब कुछ बयां कर देता है. वो कभी दोस्त बन कर समझती है, तो कभी रक्षा कवच बन पापा की डांट से बचाती है. ज़रूरत पड़ने पर ख़ुद चप्पल-जूतों से पीट भी लेती है, पर अगर किसी बाहर वाले ने आंख उठा कर भी देख लिया, तो कसम से उसकी ख़ैर नहीं. वो न हो, तो भरा-पूरा घर भी बेरंग लगता है और अगर हो, तो फिर क्या ही कहने.
अच्छा ये तो बात हुई हमारी मम्मी की, लेकिन इसके अलावा भी हमारी एक और मां है. अरे, हम बॉलीवुड की सुपरकूल मांओं की बात कर रहे हैं. यार मुझे न इन फ़िल्मों से सिर्फ़ एक ही दिक्कत है कि फ़िल्मों में जो मम्मी दिखाई जाती हैं, असल में हमारी मम्मियां बिल्कुल भी वैसी नहीं होती. कई मामलों में फ़िल्मों में उनके किरदार को काफ़ी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है.
बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने बॉलीवुड और रियल मम्मी में अंतर बताने की कोशिश की है:
1. ‘लेट घर आने पर’
2. ‘दोस्त के पास जाना है’
3. ‘जब खाना मन का न बना हो’
4. ‘गर्लफ़्रेंड के साथ देख लेने पर’
5. ‘जब पार्टी के लिए पैसे न हों’
6. ‘काफ़ी दिन बाद घर आने पर’
7. ‘जब रिश्तेदार झेलने लायक न हों’
8. ‘फ़ोन में बिज़ी होने पर’
9. ‘जब कमरे में सारा सामान इधर-उधर पड़ा हो तब’
10. ‘गर्लफ़्रेंड के बारे में बताने पर’
11. ‘जब पढ़ने-लिखने का मन न हो’
12. ‘आलसी की तरह बेड पर पड़े हुए हैं’
13. ‘फ़ोन कॉल न अटेंड करने पर’
हांलाकि, अगर आपको लगता है कि आपकी मां भी आपके साथ कुछ इसी अंदाज़ में पेश आती है, तो प्लीज़ कमेंट में बताना ज़रूर हां और मुझे बॉलीवुड की मां भी काफ़ी पसंद है, क्योंकि मां तो मां होती है न!