सिनेमा बदला है, तो इसके आयाम भी बदले हैं. एक वक़्त था जब फ़िल्मों में एक टाइप के रोल होते थे. उन्हीं के इर्द-गिर्द फ़िल्म घूमती रहती थी. सभी रिश्तों को एक साथ दिखाने का बहुत बड़ा चैलेंज होता था, तो शायद वही कैरेक्टर पकड़ में आता था, जिसे ज़्यादा दिखाया जाता था. मगर सिनेमा बदला और उसकी कहानियां भी, आज कहानी किरदारों को ध्यान में रखकर लिखी जाती हैं. इसके चलते किरदार छोटा हो या बड़ा अगर उसमें आपके दिल को छूने की ताक़त है तो वो आपके दिलों में रह ज़रूर जाएगा.

ऐसे ही कुछ किरदारों से हम आपको रू-ब-रू कराएंगे, जो भले ही फ़िल्म के मेन लीड नहीं थे लेकिन अपने दमदार अभिनय और अपने किरदार की ताक़त से आपके दिलों में बस गए हैं.
1. रोज़ी मिस, स्टैनली का डब्बा

स्टैनली का डब्बा एक स्कूल की कहानी है, जिसमें एक टीचर सभी बच्चों का टिफ़िन खा जाते हैं. बच्चों को इसी टीचर से बचाने वाली रोज़ी मिस का किरदार निभाया था, दिव्या दत्ता ने. वो बच्चों की दोस्त भी थीं और टीचर भी.
2. विजयलक्ष्मी, क्वीन

कंगना ने इसमें एक सीधी-साधी लड़की का किरदार निभाया था. इसमें रानी (कंगना रनौत) अपने हनीमून पर अकेले चली जाती है और जब अकेले पेरिस की सड़कों पर घूम रही होती हैं, तो उन्हें विजयलक्ष्मी (लिसा हेडन) मिलती है, जो रानी यानि कंगना की बहुत अच्छी दोस्त बन जाती है.
3. प्रीतम विद्रोही, बरेली की बर्फ़ी

प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) जो अपने दोस्तों के धमकाने पर हर वो काम करता है, जो वो नहीं करना चाहता है. राजकुमार राव का ये किरदार बहुत ही नेक दिल और भोला-भाला है, जो अपने भोलेपन के चक्कर में चिराग (आयुष्मान खुराना) की सारी बातें मानता है.
4. राम शंकर निकुंभ, तारे ज़मीन पर

ये फ़िल्म एक टीचर और स्टूडेंट की प्यारी सी कहानी पर आधारित है. इसमें स्टूडेंट का किरदार दर्शील सफारी ने निभाया है, जो डिस्लेक्सिया से ग्रसित होता है. इस फ़िल्म में आमिर ने राम शंकर निकुंभ नाम के टीचर का किरदार निभाया है, जो अपने स्टूडेंट को उसके पेरेंट्स से ज़्यादा समझता है और उन्हें भी उसका महत्व बताता है.
5. डैन, अक्टूबर

शूजीत सरकार निर्देशित ‘अक्टूबर’ एक रोमांटिक ड्रामा है. इसमें वरुण धवन ने डैन नाम का किरदार निभाया है, जो एक लड़की के लिए अपनी ज़िंदगी को एक सही दिशा में लेकर जाता है. अपने करियर में एक अच्छी पोस्ट अचीव करता है.
6. राधा, इंग्लिश विंग्लिश

इसमें शशि यानि श्रीदेवी ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया है, जो इंग्लिश बोलने में कच्ची है लेकिन परिवार को बांधकर रखने में पक्की. मगर उसका इंग्लिश न बोल न पाना उसकी बेटी को नीचा दिखाता है. मगर उसकी भतीजी राधा उसका साथ देती है और उसे इ्ंग्लिश क्लासेज़ में भेजती है और वो इंग्लिश बोलना सीखती है.
7. जिम्मी, उड़ान

रजत (रजत बरमेचा) के जीवन में, उसके चाचा जिमी (राम कपूर) उसके लिए वो शख़्स हैं, जो उस पर विश्वास करते हैं. उसके चाचा उसे हर परिस्थिति से निकालते हैं.
8. सत्योकी ‘राणा’ सिन्हा, कहानी

सत्योकी (परमब्रत चटर्जी) ने एक ऐसे पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी, जो बाकी बॉलीवुड फ़िल्मों के पुलिसवालों से बहुत ही अलग था. सत्योकी फ़िल्म में विद्या बालन की उनके पति को ढूंढने में एक सारथी की तरह मदद करते हैं.
9. खटाणा भाई, रॉकस्टार

जॉर्डन (रणबीर कपूर) के कुछ नहीं से सबकुछ के सफ़र में जिसने साथ दिया था, वो था खटाणा भाई का किरदार. फ़िल्म में खटाणा भाई एक कैंटीन के मालिक होते हैं और वो जॉर्डन यानि रणबीर कपूर का साथ उतार-चढ़ाव, जीत-हार सबमें देते हैं.
10. MC Sher, Gully Boy

गली बॉय का मुराद और एमसी शेर की दोस्ती तो याद होगी. मुराद को गली बॉय बनाने के सफ़र में एमसी शेर ने पूरा साथ दिया. दोनों ने ही रैपर की भूमिका अदा की थी.
11. साध्या, मसान

फ़िल्म में पंकज त्रिपाठी के किरदार का नाम साध्या था. उनके फ़िल्म में केवल दो से तीन सीन ही थे. मगर ज़रा देर में ही इस किरदार ने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी थी. इसका एक डायलॉग बहुत ही प्रचलित है, जब रिचा चड्ढा पूछती है आप अकेले रहते हैं, तो पंकज त्रिपाठी जवाब देते हैं, मैं तो पिताजी के साथ रहता हूं मेरे पिताजी अकेले रहते हैं.
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