कहते हैं ‘जिस बेटी की शक़्ल अपने पापा से मिलती है, वो भाग्यशाली होती है’. पापा ही बेटी के सबसे बड़े राज़दार होते हैं. अगर कोई काम नहीं हो रहा है तो बस पापा से कह दो हो जाता है. इसके अलावा बेटियों के पंखों में उड़ान भी पापा ही भरते हैं. पापा और बेटी के इसी रिश्ते को फ़िल्मों में भी बहुत ही प्यार से पिरोया गया है. ऐसी ही कुछ फ़िल्में हम आपके लिए लाए हैं:
1. थप्पड़

हिंसा, हिंसा होती है भले ही वो एक थप्पड़ ही क्यों न हो? तापसी की इस फ़िल्म ने समाज में घरेलू हिंसा से जूझ रही महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है. इस फ़िल्म में जब तापसी एक थप्पड़ के लिए अपने पति के ख़िलाफ़ खड़ी होती है तो उसकी इस लड़ाई में उसके पिता ने उसे हर राह पर सपोर्ट किया. पिता की भूमिका में कुमुद मिश्रा नज़र आए हैं. अगर असल ज़िंदगी में भी पिता ऐसे ही हों तो कोई भी किसी की बेटी को छूने की हिम्मत नहीं करेगा.
2. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

रियल लाइफ़ में अनिल कपूर अपनी बेटी सोनम कपूर को जिस तरह सोपर्ट करते हैं. उसी तरह फ़िल्म में भी करते नज़र आए थे. ये कहानी स्वीटी (सोनम कपूर) नाम की एक लेस्बियन लड़की की है, जिसे कुहु (रेजिना कैसेंद्रा) से प्यार है. उसके परिवार वालों को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं रहता है और वे लोग उसकी शादी एक लेखक, साहिल मिर्ज़ा (राजकुमार राव) से तय करा देते हैं. पिता की भूमिका में नज़र आए अनिल कपूर पहले अपनी सोच को बदलते हैं और फिर अपनी बेटी के लिए समाज की सोच को बदलने का प्रयास करते हैं.
3. दंगल

पहलवान महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों की ज़िंदगी पर आधारित ये फ़िल्म उनके सपनों की कहानी है. वो अपने अधूरे सपने को अपनी बेटियों गीता और बबीता के ज़रिए पूरा करते हैं और सपनों के उस सफ़र में अपनी बेटियों को पूरे समाज की नज़रों से बचाते हैं और उनकी आवाज़ वो बनते हैं. इस फ़िल्म में साक्षी तंवर, ज़ायरा वसीम, सान्या मल्होत्रा, अपारशक्ति खुराना और फ़ातिमा सना शेख़ मुख्य भूमिका में थे.
4. पीकू

दीपिका पादुकोण यानि पीकू और अमिताभ बच्चन यानि दिबाकर बैनर्जी इस फ़िल्म में बाप-बेटी के किरदार में हैं. ये एक बंगाली परिवार की कहानी है. पीकू के पिता दिबाकर बैनर्जी को कब्ज़ की बीमारी है. वो अपनी इस बीमारी के चलते पीकू को ऑफ़िस तक में परेशान करते रहते हैं, लेकिन अपने बाबा को हद से ज़्यादा प्यार करने वाली पीकू उनकी सभी बातों को नज़रअंदाज़ कर देती है और उनकी देखभाल करती है. ये बाप-बेटी की नोंक-झोंक से भरी प्यारी सी कहानी है. इसमें इरफ़ान ख़ान और मौसमी चैटर्जी भी हैं.
5. भूमि

एक्शन-थ्रिलर फ़िल्म भूमि में संजय दत्त और अदिति राव हैदरी हैं. इसमें संजय दत्त ने अदिति के पिता की भूमिका निभाई है. वो अपनी बेटी की हर ख़्वाहिश को अपनी छोटी सी जूतों की दुकन से पूरी करते हैं. मगर एक दिन उनकी सारी ख़ुशियां पल में बिखर जाती हैं. तब एक पिता अपनी बेटी के लिए सारे समाज से अकेले लड़ता है और उसे इज़्ज़त से जीने का हक़ दिलाता है.
6. फ़न्ने ख़ान

ये एक म्यूज़िकल कॉमेडी फ़िल्म है. इसमें अनिल कपूर, एश्वर्या राय बच्चन और राजकुमार राव मुख्य भूमिका में हैं. अनिल कपूर जो एक पिता की भूमिका में हैं, वो अपनी बेटी के सिंगर बनने के पसने को पूरा करने के लिए बेबी सिंह यानि एश्वर्या को किडनैप कर लेते हैं, जो एक सिंगर हैं. अपने बेटी के सपनों के लिए एक साधारण सा पिता ग़लत कदम उठा लेता है.
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