संजय लीला भंसाली की फ़िल्म ‘देवदास’ (Devdas) 19 साल पहले आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी. शाहरुख ख़ान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित अभिनीत देवदास उस समय तक बॉलीवुड (Bollywood) की सबसे महंगी फ़िल्मों में से एक थी. भंसाली ने एक ख़ूबसूरत फ़िल्म बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

फ़िल्म तो अच्छी थी ही, लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा इसके भव्य सेटों और स्टार्स के महंगे कॉस्ट्यूम्स को लेकर थी. इसे बहुत ही बड़े लेवल पर बनाया गया था. ऐसा पहली बार था जब भंसाली ने किसी फ़िल्म पर दिल खोल कर पैसा लगाया और तोहफ़े में दर्शकों को ज़बरदस्त प्यार मिला.

आज हम आपको इस कल्ट मूवी से जुड़ी उन चीज़ों के बारे में बताएंगे, जिन्हें पढ़कर आपको इस फ़िल्म की भव्यता का बखूबी अंदाज़ा हो जाएगा. 

1. 2002 से पहले इससे महंगी हिंदी फ़िल्म नहीं बनी थी.

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अपने रिलीज़ के वक़्त ये फ़िल्म हिंदी सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्म थी. संजय लीला भंसाली ने ‘देवदास’ के प्रोडक्शन के लिये क़रीब 50 करोड़ रुपये खर्च किये थे.

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2. भव्य सेट्स पर 20 करोड़ रुपये किए ख़र्च.

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इस फ़िल्म के 6 भव्य सेट्स के लिये 20 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए थे. सबसे महंगा सेट चंद्रमुखी के कोठे का था, जिसकी क़ीमत क़रीब 12 करोड़ रुपये थी. पारो के घर का सेट जिस ग्लास का बना था, उसे बारिश के कारण बार-बार पेंट करना पड़ता था. कैमरे की ट्रॉली के चलने की वजह से भी फ़र्श पर दाग पड़ जाते थे. इस सेट को तैयार करने के लिए ग्लास के 1.2 लाख से अधिक टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया था और इसकी क़ीमत लगभग 3 करोड़ रुपये थी.

3. क्रू में 700 से ज़्यादा लाइटमैन शामिल थे.

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आमतौर पर फ़िल्मों में रौशनी के लिए एक से दो जेनरेटल का इस्तेमाल होता है, लेकिन देवदास की शूटिंग के दौरान 
रिकॉर्ड 42 जनरेटर का उपयोग किया गया था. सिनेमैटोग्राफर बिनोद प्रधान ने 2500 लाइट्स का इस्तेमाल किया, जिसके लिए 700 से ज्यादा लाइटमैन क्रू में शामिल हुए.  

4. माधुरी दीक्षित के हर आउटफ़िट की क़ीमत 15 लाख रुपये थी.

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अबू जानी-संदीप खोसला द्वारा डिज़ाइन माधुरी के हर आउटफ़िट की क़ीमत क़रीब 15 लाख रुपये थी. ये न सिर्फ़ महंगे थे, बल्कि भारी-भरकम भी थे. ‘काहे छेड़ छेड़ मोहे’ गाने में माधुरी के लहंगे का वज़न लगभग 30 किलो था. हालांकि, बाद में इस लहंगे की जगह दूसरा हलका लहंगा तैयार किया गया, जिसका वज़न क़रीब 16 किलो था. वहीं, एक दूसरा आउटफ़िट लगभग 10 किलो का था, जिसे कारीगरों ने 2 महीने में तैयार किया था. 

5. ऐश्वर्या राय के लिए ख़रीदी गई थीं 600 साड़ियां.

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डिज़ाइनर नीता लुल्ला और निर्देशक भंसाली ने पारो यानि की ऐश्वर्या राय के लिए कोलकाता से लगभग 600 साड़ियां ख़रीदी थीं. इन साड़ियों को बांधने का तरीक़ा भी अलग अपनाया गया था, जिसके चलते एक बार साड़ी पहनने में क़रीब 3 घंटे लग जाते थे. दरअसल, आमतौर पर साड़ियों की लंबाई 6 मीटर होती है, जबकि पारो के लिए डिज़ाइन साड़ी की लंबाई 8 से 9 मीटर थी.  

6. फ़िल्म के संगीत तैयार करने में लगा था 2 साल का समय.

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इस मूवी के म्यूज़िक को कंपोज़ करने के लिए इस्माइल दरबार और भंसाली ने 2 साल से ज़्यादा का समय लगाया था. हर गाना इतना जटिल था कि उससे संगीत को मिलाने के लिए 8-9 टेक लेने पड़ते थे. हालांकि, गानों की रिकॉर्डिंग 10 दिनों में हो गई थी. 

7. देवदास साल की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी.

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साल 2002 में इस मूवी ने घरेलू बाज़ार में 41.66 करोड़ रुपये की कमाई की थी.इसी साल सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली दूसरी फ़िल्म राज़ थी, जिसने 21.46 करोड़ रुपये कमाए. अपनी घरेलू कमाई के अलावा, देवदास ने कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में प्रीमियर होने के बाद से विदेशी बाजार में भी धूम मचा दी. वहीं, फ़िल्म के म्यूज़िक राइट्स 12.5 करोड़ रुपये में बिके. उस वक़्त किसी हिंदी फ़िल्म के लिए इतनी कमाई करना बड़ी बात थी.