हिंदुस्तान जैसे लोकतांत्रिक देश में कभी निष्पक्ष और निडर पत्रकारिता की जाती थी. पर आज समय बदल चुका है. अब मीडिया पत्रकारिता कम और कॉमेडी सर्कस ज़्यादा करती है. कई गंभीर मुद्दों पर मीडिया रिपोर्टिंग नहीं करती, बल्कि जज बन कर फ़ैसला सुना देती है. असल में मीडिया का काम सच्चाई दिखाना है, तोड़-मरोड़ कर ख़बरें पेश करना नहीं है. हालांकि, New मीडिया पर ये पुराने नियम लागू नहीं होते. ये वही मीडिया है जिसने बॉलीवुड की अभिनेत्रियों को लोगों को सामने विलेन बना दिया.

मामला कोर्ट तक पहुंचे न पहुंचे. मीडिया को उससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. अगर मीडिया ने कह दिया कि ये अभिनेत्रियां विलेन हैं, तो मतलब हैं. चलिये जानते हैं कि मीडिया की अदालत में किन-किन अभिनेत्रियों को दिया जा चुका है खलनायिका का टैग.

1. रिया चक्रवर्ती 

कुछ साल पहले तक इस नाम से कुछ ही लोग वाकिफ़ थे, पर आज रिया चक्रवर्ती को बच्चा-बच्चा जानता है. अभिनेत्री को इतनी पॉपुलैरिटी देने का श्रेय हमारी प्यारी मीडिया को जाता है. अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के बाद से हर किसी ने रिया को उनका क़ातिल मान लिया. बिना सबूत मीडिया ने रिया पर कई आरोप गड़े. इतना ही नहीं रिया को चुडै़ल, डायन और पता नहीं क्या-क्या बुलाया गया. आखिरकार बिना सबूत मीडिया रिया को लोगों की नज़रों में विलेन बनाने में कामयाब रही. 

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2. रेखा 

मीडिया की गालियों से बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा भी अछूती नहीं हैं. मीडिया में अक़सर रेखा को लेकर कई विचित्र सवाल उठाये जाते हैं, जैसे रेखा मांग में किसकी का नाम का सिंदूर लगाती हैं? 90 के दशक में रेखा की शादी मुकेश अग्रवाल से हुई थी, पर शादी के चंद महीनों बाद ही उनकी मृत्यु हो गई. जिसका दोष भी रेखा उन पर गढ़ दिया. मीडिया रिपोर्ट्स में रेखा को उनके पति की मौत का ज़िम्मेदार बताया गया और उन्हें डायन घोषित कर दिया.

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3. श्रीदेवी  

श्रीदेवी अब इस दुनिया में भले ही नहीं हैं, लेकिन ज़िंदा रहते हुए वो भी मीडिया का टारगेट बन चुकी थीं. श्रीदेवी बोनी कपूर की दूसरी पत्नि थीं. उनसे शादी करने के लिये बोनी कपूर ने अपनी पहली पत्नी मोना कपूर को तलाक़ दे दिया था. इसके बाद मीडिया में श्रीदेवी पर बोनी कपूर का घर तोड़ने का आरोप लगने लगा. यही नहीं, उनकी मौत के बाद कई आर्टिकल ऐसे भी थे, जिसमें लिखा था कि श्रीदेवी को उनके कर्मों की सज़ा मिली है.

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4. अनुष्का शर्मा  

अनुष्का शर्मा एक अभिनेत्री-प्रोड्यूसर होने के अलावा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की पत्नी भी हैं. कुछ सालों तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने शादी का फ़ैसला लिया. शादी से पहले और शादी के बाद जब-जब विराट कोहली की परफ़ॉर्मेंस में कमी आई, तब-तब मीडिया ने अनुष्का को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया. मतलब अगर बैटिंग विराट कर रहे हैं, तो उसमें अनुष्का दोषी कैसे हुईं? 

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5. जिया ख़ान  

अभिनेत्री जिया ख़ान ने 25 साल की उम्र में आत्माहत्या कर ली थी. जिया ने आत्महत्या क्यों की? ये सवाल पूछने के बजाये, मीडिया में जिया के गर्भवती होने पर सवाल उठाये. इसके साथ ही जिया और महेश भट्टे के रिश्तों को लेकर भी बात होने लगी.

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6. परवीन बॉबी 

परवीन बॉबी की आत्महत्या का कारण उनका मानसिक तनाव था. आज भी अगर आप अभिनेत्री के बारे में रिसर्च करेंगे, तो उनके और महेश भट्ट के रिश्तों को लेकर कई चीज़ें मिलेंगी. परवीन किस मुश्किल से गुज़र रहीं थीं इसकी फ़िक्र किसको थी? उन्हें तो सिर्फ़ मिच-मसाला लगा कर ख़बरें दिखानी थीं. आखिरकार वो दिन आ गया, जब लोगों ने बिना कुछ समझे परवीन बॉबी को लेकर ग़लत धारणा बना ली.

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7. प्रियंका चोपड़ा  

प्रियंका चोपड़ा कितनी टैलेंटेड हैं ये किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है. करियर में सफ़लता की सीढ़ियां चढ़ती हुई प्रियंका चोपड़ा ने 2018 में निक जोनस से शादी कर ली. प्रियंका चोपड़ा उम्र में निक जोनस से 15 साल बड़ी हैं. इस बात से कपल को कोई दिक्कत हो न हो, लेकिन मीडिया को बड़ी दिक्कत थी. ख़बर में दिखाने के लिये कुछ नहीं मिला, तो प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की उम्र को लेकर ताने कसने लग गये.

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8. करीना कपूर ख़ान  

सैफ़ अली ख़ान से शादी के बाद से ही करीना कपूर अक़सर मीडिया के निशाने पर रहती हैं. शादी के बाद 2016 में करीना ने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया. जिसे कपल ने तैमूर नाम दिया. इसके बाद मीडिया में तैमूर के नाम को लेकर तमाम कंट्रोवर्सी हुई. हाल ही में जब लोगों को पता चला कि करीना कपूर ने सीता के रोल के लिये 12 करोड़ की मांग की है, तो उन्हें काफ़ी भला-बुराया सुनाया. उन्हें यहां तक कहा गया कि तैमूर की मां सीता कैसे बन सकती हैं. सवाल ये है कि करीना के लिये लोगों के मन में ये ज़हर किसने बोया? 

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रिया हो या रेखा इन सभी बॉलीवुड अभिनेत्रियों को मीडिया की अदालत में इस तरीक़े से खड़ा किया जाना सही नहीं था. मीडिया का काम ख़बर दिखाना है, जज बन कर फ़ैसला सुनाना नहीं. मीडिया जैसी ख़बरे दिखायेगी, लोग भी सेलेब्स को उसी नज़र से देखेंगे. अगर लोग नहीं समझे, तो ये सिलसिला कभी थमने वाला नहीं है.