रेलवे स्टेशन पर ‘एक प्यार का नग़मा है मौज़ों की रवानी है, ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी-मेरी कहानी है’ गाने से रातोंरात स्टार बनीं रानू को हिमेश ने अपनी फ़िल्म में गाने मौक़ा दिया है. रानू का ये गाना टिकटॉक पर भी फ़ेमस हो गया है. इस गाने ने कुछ को लाइक्स दिलाए, तो किसी को थाने के चक्कर कटवा दिए.  

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ख़ैर ये बातें तो बीत चुकीं. अब जो नई बात रानू के लिए सुनने में आ रही है वो रानू मंडल ने ख़ुद IANS से कही हैं, उनकी बातें उनकी ज़ुबानी,

मैं एक अच्छे परिवार में पली-बढ़ी थी, लेकिन सिर्फ़ 6 साल की उम्र में अपने माता-पिता से अलग हो गई. इसके बाद मेरी दादी ने मेरी देख-रेख की. हमारे पास घर था. मैंने अपने घर को चलाने के लिए गाना गाना शुरू किया. मैंने सिर्फ़ कैसेट और रेडियो से सीखा है. मुझे लता मंगेशकर जी के गाने अच्छे लगते थे. इसके बाद मैंने एक शख़्स से शादी कर ली, जो अभिनेता फ़िरोज़ ख़ान के यहां खाना बनाने का काम करते थे. मैं अपने पति के साथ पश्चिम बंगाल से मुंबई आ गई. मगर कुछ दिनों के बाद मेरे परिवार में लड़ाई-झगड़े होने लगे और जीना मुश्किल होने लगा. मेरी कहानी बहुत ही लंबी और संघर्ष भरी है. मेरी ज़िंदगी पर एक फ़िल्म बन सकती है.

-रानू मंडल

रातोंरात स्टार बनने के सवाल पर उनका जवाब था,

मैं बहुत खुश हूं लोगों का प्यार पाकर. यहां मुझे गाने का मौक़ा मिला है. मगर मेरे घर से मुंबई आना और फिर वापस घर जाना, फ़्लाइट का ये सफ़र थोड़ा कष्टदायी हो रहा है. अगर मेरा मुंबई में होता तो मुझे ये दिक्कत नहीं होती है. मगर भगवान हैं वो सब कर देंगे

-रानू मंडल

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रानू ने इस बात को ख़ुद ख़ारिज किया है कि सलमान ख़ान ने उन्हें कोई घर नहीं दिया है, वो अभी तक उनसे मिली भी नहीं है, लेकिन उन्हें फ़िल्म ‘तेरे नाम’ बहुत अच्छी लगती है.

अपनी सुरीली आवाज़ और लगन के बदौलत आज रानू एक स्टार बन चुकी हैं. उनके फ़ैंस हैं, जिनसे वो लाइव चैट भी करती हैं. इसके अलावा हिमेश भी उन्हें अपनी फ़िल्म ‘हैप्पी हार्डी और हीर’ में गाने का मौका दे चुके हैं. उन्होंने रियलिटी शो ‘सुपरस्टार सिंगर’ के एक एपिसोड की भी रिकॉर्डिंग की है.

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