Annu Awasthi: उत्तर प्रदेश का अंदाज़ ही निराला है और कनपुरियों के तो क्या कहनें! मुंह में गुटखा, गले में अंगोछा और कनपुरिया भाषा अदाज़ ही निराला है. कनपुरिया सुनने में मज़ा तो आता है अबे टोपा हो का बे, एक कंटाप देंगे चार बार घूमोगे. इस अंदाज़ को कई बार कॉमेडियन अपनी कॉमेडी के ज़रिए कई बार दिखा चुके हैं और इस पर हंसी भी ख़ूब आती है. ऐसे ही एक कॉमेडियन हैं अन्नु अवस्थी, जिन्होंने कानपुर को अपनी कॉमेडी में ऐसा उतारा कि वो कानपुर की पहचान बन गए. कई बार Facebook स्क्रॉल करते समय सुना होगा, ‘अन्नू अवस्थी बोल रहे हैं, पहिचान तो गए होइयो’ हां उन्हीं अन्नु अवस्थी की बात कर रहे हैं, जिनके मियां-बीवी और ससुराल वाले जोक्स हंसने पर मजबूर कर देते हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब दुनिया को हंसाने वाला ये फ़रिश्ता गर्दिश के दिनों में जी रहा था.

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Annu Awasthi

अन्नु अवस्थी (Annu Awasthi) आज भले ही कितने फ़ेमस हों, लेकिन एक समय ऐसा था जब वो घर चलाने के लिए घर-घर दवाइयां बेचते थे. उन्नाव के सुमेरपुर गांव जन्में अन्नु अवस्थी का पूरा नाम अनूप अवस्थी, जो एक बिज़नेसमैन हैं. 19 नवंबर की रात ये बिज़नेसमैन रातों-रात अपनी एक ऑडियो से कॉमेडी किंग बन गए और वो ऑडियो इन्होंने ऐसे ही अपने रिश्तेदारों के लिए रिकॉर्ड की थी कि ‘लड़के का तिलक कर रहे हैं आना जरूर’. इस ऑडियो को लोगों ने ख़ूब पसंद किया और ये ऑडियो क्लिप रातों-रात वायरल हो गई. अन्नु अवस्थी (Annu Awasthi) कनपुरिया बोली को जिस नायाब अंदाज़ से लोगों के बीच परोसते हैं वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है. इसके बाद अन्नु अवस्थी ने अपनी दूसरी क्लिप ‘चुनाव का सीज़न’ भी सोशल मीडिया पर शेयर की.

अन्नू के पिता सरकारी अस्पताल में फ़ार्मासिस्ट थे और अन्नु पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. बचपन से ही हऱफ़नमौला अन्नु अवस्थी (Annu Awasthi) का मन पढ़ाई में नहीं लगता था. 1985 में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा दी और फ़ेल हो गए. अन्नु छोटे पर ही उन्नाव से कानपुर के देवनगर में शिफ़्ट हो गए थे. इसके बाद अन्नु ने 7 अलग-अलग स्कूलों से हाईस्कूल की परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे. अपनी पढ़ाई की रुचि पर कटाक्ष करते हुए अन्नु अवस्थी कहते हैं कि मेरी पढ़ाई की कमज़ोरी का अदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि मैंने 16 साल में हाईस्कूल की परीक्षा देनी शुरू की और 26 साल तक देता ही रहा, लेकिन पास नहीं हो पाया.

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जब हाईस्कूल की परीक्षा में असफल रहे तो 1996 में अन्नु अवस्थी ने घर-घर दवाइयां बेचनी शुरू की. इसी दौरान उन्हें अपने मोहल्ले की लड़की सीमा से प्यार हो गया. सीमा MA पास थीं और सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रही थीं. इसलिए उनके घरवाले हाईस्कूल फ़ेल लड़के से अपनी बेटी की शादी नहीं कराना चाहते थे, फिर काफ़ी जद्दोजहद के बाद 1997 में दोनों की शादी हो गई.

शादी के बाद, घर चलाने के लिए 1998 में अन्नू ने लाजपत नगर में कर्फ़्यू कार बाज़ार के नाम से पुरानी कारों को ख़रीदने-बेचने की दुकान खोली और रानीगंज इलाक़े में रहने लगे. अन्नु के घर के बगल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं की कोचिंग थी, जिनके लिए अन्नु ने बहुत सस्ते दामों पर खाना देना शुरू किया. 

कई सालों के कड़े संघर्ष के बाद अन्नु अवस्थी लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले वो शख़्स हैं, जिन्हें घर-घर में लोग जानते हैं. अन्नु अभी तक दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, कानपुर सहित यूपी के सभी बड़े शहरों में अपने शो कर चुके हैं. अन्नू  अवस्थी को चश्में का शौक़ है तो उनके फ़ैंस उन्हें चश्में गिफ़्ट करते हैं. इतने फ़ेमस होने के बाद भी अन्नु अवस्थी में ज़रा घमंड नहीं आया है वो अपने 95% प्रतिशत शो फ़्री में करते हैं क्योंकि उनका कहना है कि ये वही लोग हैं जिन्होंने मेरे मेरे ऑडियो शेयर करके मुझे फ़ेमस बनाया है इसलिए मैं इनसे पैसे कैसे ले सकता हूं.

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इनकी कमाई का सबसे बड़ा सोर्स Facebook है, जहां से उन्हें 1.14 लाख मिलते हैं और Youtube से 53.7 हज़ार रुपये मिलते हैं. अब तक अन्नु अवस्थी 1000 शो कर चुके हैं. अन्नु को गाड़ियों का भी बहुत शौक़ है. आपको बता दें, अन्नू अवस्थी का ये अंदाज़ उनके बेटे मानस अवस्थी और बेटी वंशिका अवस्थी को ख़ूब पसंद आता है. उनका कहना है कि पापा घर में कॉमेडी करते हैं जिससे घर का माहौल ख़ुशनुमा बना रहता है. अन्नु का फ़ंडा है कि हंसी से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है.

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अन्नु अवस्थी मशहूर टीवी शो ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अंगूरी भाभी के ममिया ससूर और तिवारी जी के मामा के रोल में नज़र आ चुके हैं.