बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार पीयूष मिश्रा (Piyush Mishra) इंडस्ट्री में अपनी ज़बरदस्त एक्टिंग और सिंगिंग के लिए जाने जाते हैं. वो सिंगिंग और एक्टिंग के अलावा भी गीतकार, स्क्रीन राइटर, प्ले राइटर, कम्पोज़र और म्यूजिशियन भी हैं. यूं कहें तो पियूष मिश्रा ‘ऑल इन वन’ हैं. बॉलीवुड में वो ‘करैक्टर आर्टिस्ट’ के तौर पर जाने जाते हैं. ‘मक़बूल’, ‘गुलाल’, ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’, ‘तेरे बिन लादेन’, ‘रिवॉल्वर रानी’, ‘रॉकस्टार’, ‘पिंक’, ‘संजू’, ‘हैप्पी भाग जाएगी’ जैसी तमाम फ़िल्में उनकी ज़बरदस्त एक्टिंग का प्रमाण हैं. लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि सलमान ख़ान और भाग्यश्री स्टारर ‘मैने प्यार किया’ में पहले सलमान की जगह लीड रोल पियूष मिश्रा निभाने वाले थे.
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चलिए जानते हैं आख़िर वो क्या वजह थी जिसकी वजह से पियूष मिश्रा ने ‘मैने प्यार किया’ फ़िल्म ठुकरा दी थी-
बॉलीवुड में कलाकारों के हाथ से फ़िल्में निकलना और फिर किसी दूसरे की उस फ़िल्म में एंट्री आम बात है. लेकिन यदि जब कोई कलाकार ख़ुद किसी फ़िल्म को ठुकरा दे और बाद में वो फ़िल्म ब्लॉकबस्टर बन जाए तो ऐसे कलाकार को पियूष मिश्रा (Piyush Mishra) कहते हैं. जी हां ये बात सौ फ़ीसदी सच है कि पियूष मिश्रा ने 80 के दशक की सुपरहिट फ़िल्म Maine Pyar Kiya का ऑफ़र ठुकरा दिया था. फ़िल्म में उन्हें लीड रोल ऑफ़र किया गया था, जिसे बाद में सलमान ख़ान ने निभाया.
राजश्री प्रोडक्शन की ‘मैंने प्यार किया’
बात 1986 के आस-पास की है. बॉलीवुड के दिग्गज फ़िल्म मेकर और राजश्री प्रोडक्शन के मालिक राज कुमार बड़जातिया (Raj Kumar Barjatya) एक फ़िल्म से अपने बेटे सूरज बड़जात्या (Sooraj Badjatya) को बतौर निर्देशक बॉलीवुड में लॉन्च करने जा रहे थे. ऐसे में उन्होंने फ़िल्म में लीड रोल के लिए भाग्यश्री (Bhagyashree) को बतौर हीरोइन साइन कर लिया, लेकिन राज कुमार बड़जातिया हीरो को लेकर परेशान थे. इस फ़िल्म के वक फ़्रेश फ़ेस चाह रहे थे, जो उन्हें मिल ही नहीं पा रहा था. इस दौरान उन्हें किसी ने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD) जाने की सलाह दी.
आगे की कहानी पियूष मिश्रा (Piyush Mishra) की ज़ुबानी–
पियूष मिश्रा (Piyush Mishra) हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि बात 1986 की है. मैं तब NSD में पढ़ाई कर रहा था और दिखने में बेहद हैंडसम भी था. एक रोज मेरे पास चपरासी आया और बोला डायरेक्टर साहब ने आपको चैम्बर में बुलाया है. जब मैं चैम्बर में पहुंचा तो देखा कि एनएसडी के डायरेक्टर मोहन महिर्षि के साथ एक शख्स बैठे हुए हैं. डायरेक्टर साहब ने उनसे मेरा परिचय करवाया और कहा कि ये अपनी एक अपकमिंग फ़िल्म के लिए हीरो तलाश रहे हैं. ये कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड के दिग्गज फ़िल्म मेकर राज कुमार बड़जातिया थे.
इस दौरान राज कुमार बड़जातिया ने पियूष मिश्रा को बताया कि फ़िल्म की हीरोइन फ़ाइनल हो चुकी है अब बस हीरो की तलाश है. फिर पूछा कि उनका कॉलेज ख़त्म होने में अभी कितना समय है? इस पर पीयूष मिश्रा ने बताया 2 महीने, तो बड़जातिया ने उन्हें अपना कार्ड थमा दिया और कहा कि इसमें मेरे ऑफ़िस का एड्रेस है. कॉलेज ख़त्म होते ही मुंबई आकर मुझसे मिलो. लेकिन पीयूष मिश्रा इसके बाद फिर से अपनी कॉलेज लाइफ़ में बिज़ी हो गए.
इस वजह से ठुकरा दी फ़िल्म
इस घटना के 15 दिन बाद NSD के डायरेक्टर मोहन महिर्षि जब पियूष मिश्रा से मिले तो उन्होंने कहा, ‘तुम मंबई कब जा रहे हो, तुरंत चले जाओ, इसके लिए कॉलेज भी छोड़ना पड़े तो कोई बात नहीं’. पीयूष मिश्रा ने उनकी बात तो सुनी, लेकिन इतना ध्यान नहीं दिया क्योंकि वो ज़िंदगी में कुछ अलग करना चाहते थे. दुनिया को लेकर उनके मन में कुछ खटास थी. इसी सोच के चलते उनका मुंबई जाने का मन नहीं हुआ. इसी में पूरे 3 साल निकल गए. 3 साल बाद पीयूष मिश्रा मुंबई तो गए तो फ़िल्म बन चुकी थी और सलमान ख़ान सुपरस्टार बन चुके थे.
पियूष मिश्रा (Piyush Mishra) ने साल 1988 में टीवी शो Bharat Ek Khoj से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद साल 1993 में उन्होंने सरदार फ़िल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया.
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